tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post4600666782816982003..comments2023-10-22T06:04:19.615-07:00Comments on एहसास की लहरों पर ....: अंतर्द्वन्दAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-32222677394609893132014-07-08T01:46:17.101-07:002014-07-08T01:46:17.101-07:00सब ठण्ड में ठिठुर रहे हैं
आग बुझ चुकी है या फिर ...सब ठण्ड में ठिठुर रहे हैं<br /><br />आग बुझ चुकी है या फिर चिंगारी नहीं है<br /><br /> मुझे इस शहर में सब धुंधला सा नज़र आ रहा है!<br /><br />नज़र का नूर मद्धम है या कोहरो कि आबादी घनी हो गयी है?<br /><br />दीवार हिल रही है<br /><br />भूडोल कि कंपन है वजह या नींव धस गयी है<br />बहुत सुन्दर Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.com