tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post8292397691342808118..comments2023-10-22T06:04:19.615-07:00Comments on एहसास की लहरों पर ....: अफ़सोस Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-11646997111614605902015-05-28T07:13:35.057-07:002015-05-28T07:13:35.057-07:00अपनी ही कमीज से आपके पैरों के नीचे से वो गंदगी साफ...अपनी ही कमीज से आपके पैरों के नीचे से वो गंदगी साफ करते है जो आपने फैलायी है . . . नन्हें नन्हें हाथों से जूते चमकाते हैं आपके . . वो कांधे पर बस्तों की जगह बोरो में कूड़ा बिनते है . . माँ की छाती से चिपटे रूकी हुई गाड़ियों में बैठी माँओ से अपने लिए दया की उम्मीद लगाते है . . सम्पन्न बच्चों के जूतों के फीते बाँधते हुए अपने लिए भगवान से अगले जन्म में उन जैसे भविष्य की कामना करते है. . . . गुड्डे गुड़ियों से खेलने की उम्र में सचमुच माँ बन जाती है कभी ढेर सारे भाई बहनों की और फिर बचपन में ही अपने बच्चों की . . .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07840266625869036819noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-45320350676502899532015-01-24T03:52:31.940-08:002015-01-24T03:52:31.940-08:00आवश्यकता है बस के हम अपने अन्दर के कैलाश सत्यार्थी...आवश्यकता है बस के हम अपने अन्दर के कैलाश सत्यार्थी को जगाये और अपना हरसंभव योगदान दे| आपके लेखनी मे बहुत ओज है,मेरा नमन है आपको ! बसंत पंचमी कीशुभकामनायें !<br /> Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08208153790941126459noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-43090764363553462132015-01-22T04:32:19.419-08:002015-01-22T04:32:19.419-08:00एक भावपूर्ण और मार्मिक रचना। एक भावपूर्ण और मार्मिक रचना। Aparna Bosehttps://www.blogger.com/profile/04096135756564696287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-73369469697888806612015-01-21T06:50:34.594-08:002015-01-21T06:50:34.594-08:00उत्तम रचना उत्तम रचना Harshita Joshihttps://www.blogger.com/profile/04274397136761595526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-35106084747497412142015-01-21T05:20:31.490-08:002015-01-21T05:20:31.490-08:00आपकी बढियां रचनों में से एक , बड़ी ही संजीदगी से लि...आपकी बढियां रचनों में से एक , बड़ी ही संजीदगी से लिखा है, शुभकामनायें !NKChttps://www.blogger.com/profile/10151125699002182567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-45063348556123759932015-01-21T00:48:09.892-08:002015-01-21T00:48:09.892-08:00संवेदनशील ... पर सच पूछो तो इनमें इनका कोई कसूर नह...संवेदनशील ... पर सच पूछो तो इनमें इनका कोई कसूर नहीं ... देश के कर्णधारों की जिम्मेवारी है इनकी मुस्कान और हालात में सुधार करना ... भावपूर्ण रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-79347816491470020072015-01-20T23:04:55.318-08:002015-01-20T23:04:55.318-08:00क्या खूब महसूस किया है आपने मासूम कामकाजी बच्चों र...क्या खूब महसूस किया है आपने मासूम कामकाजी बच्चों रोजमर्रा की जिन्दगी को.... दिली मुबारकबाद !!!विशाल चर्चित (Vishal Charchit)https://www.blogger.com/profile/11649442567545680984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-38852135563230056462015-01-20T22:27:40.426-08:002015-01-20T22:27:40.426-08:00.........कालिख में नहाएं कारो को साफ़ करते......ये ............कालिख में नहाएं कारो को साफ़ करते......ये गऱीबी ही है जो बच्चो को भी इतनी तपती धुप और कड़ाके की ठण्ड में भी कभी बसो में मूंगफली बेचने तो कभी होटलों पर वर्तन साफ़ करने को मजबूर करती है <br />बहुत अच्छी रचना आपकी Manoj Kumarhttps://www.blogger.com/profile/16191596962503653854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-74684344630612705272015-01-20T17:10:59.296-08:002015-01-20T17:10:59.296-08:00बहुत संवेदनशील रचना ! वाकई क्या सचमुच ये ही बच्चे ...बहुत संवेदनशील रचना ! वाकई क्या सचमुच ये ही बच्चे हमारे देश का भविष्य है ? चिंतनीय रचना ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-58984093382365125832015-01-20T10:10:44.469-08:002015-01-20T10:10:44.469-08:00kya baat hai..jajawab...kya baat hai..jajawab...Armaan...https://www.blogger.com/profile/13827221135636279872noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-25961077880041529952015-01-20T08:16:17.742-08:002015-01-20T08:16:17.742-08:00आप कहोगे यह तो भगवानकी बाते है पर सच हो तो गौर कीज...आप कहोगे यह तो भगवानकी बाते है पर सच हो तो गौर कीजियेगा यही भारत भूमि पर भगवान श्री कृष्ण जी ने जन्म लिया 'था' और मासी पूतना को अपने धाम पठाया।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02057588181456382402noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-20977454353656050372015-01-20T05:45:00.135-08:002015-01-20T05:45:00.135-08:00बहुत सुंदर ..बहुत सुंदर ..Neeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-17707389156572574812015-01-20T03:42:57.060-08:002015-01-20T03:42:57.060-08:00बहुत सुन्दर रचना.आजीविका कमाने की जद्दोजहद में बाल...बहुत सुन्दर रचना.आजीविका कमाने की जद्दोजहद में बालपन कहीं खो सा गया है.<br />नई पोस्ट : <a href="http://yunhiikabhi.blogspot.in/2015/01/blog-post_20.html" rel="nofollow"> मन का अनुराग</a><br />राजीव कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/01325529492703038666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-44884662867694840272015-01-20T03:42:52.806-08:002015-01-20T03:42:52.806-08:00सुंदर रचना परी जी, वास्तविकता को बयां करती..।।सुंदर रचना परी जी, वास्तविकता को बयां करती..।।RRKShttps://www.blogger.com/profile/04299885696427760412noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-42532088677267283182015-01-20T03:17:13.903-08:002015-01-20T03:17:13.903-08:00बहुत बढ़िया परी जी
सादर बहुत बढ़िया परी जी <br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-31970267671209123212015-01-20T03:13:21.793-08:002015-01-20T03:13:21.793-08:00बहुत सही वर्णन किया है.... इन नन्हे घोड़ो का .... क...बहुत सही वर्णन किया है.... इन नन्हे घोड़ो का .... कब सबको अधिकार मिलेगा पाठशाला जाने का ....शुभकामनाएँmohan intzaarhttps://www.blogger.com/profile/01892478820687714901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-32382566668179025962015-01-20T01:53:38.029-08:002015-01-20T01:53:38.029-08:00वाह...वाह...प्रफुल्ल कोलख्यान / Prafulla Kolkhyan https://www.blogger.com/profile/08488014284815685510noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-51697714010439625832015-01-20T00:54:09.335-08:002015-01-20T00:54:09.335-08:00कालिख में नहाएं कारो को साफ़ करते
पुर्जे-पुर्जे खोल...कालिख में नहाएं कारो को साफ़ करते<br />पुर्जे-पुर्जे खोलते बांधते..कहीं हाथ फैलाये<br />बाज़ारो में खुलेआम भिनभिनाते हुए<br />उम्र और कद से कई फर्लांग आगे<br />पेशानी पर बेबसी की लकीरे गाड़े<br />सपनों पर ना-उम्मीदी की मैल चिपकाए <br />बदलते वक्त की निशानियाँ हैं ये परवीन जी ! सार्थक लिखा है आपने Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.com