tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post2349658567210009725..comments2023-10-22T06:04:19.615-07:00Comments on एहसास की लहरों पर ....: प्रेम के पात्र नहीं...सिर्फ घृणा के पात्र हो तुम Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-10500059165909875802015-06-02T23:18:56.380-07:002015-06-02T23:18:56.380-07:00आपकी रचना पढ कर एक पूराना गीत याद आ गया...... और...आपकी रचना पढ कर एक पूराना गीत याद आ गया...... औरत ने जन्म दिया मर्दोँ को, मर्दोँ ने उसे बाजार दिया....<br />जहाँ तक मानसिकता का प्रश्न है... गन्दी मांसिकता वाले लोग किसी दूसरे ग्रह के प्राणी नहीँ हैँ... वह भी किसी न किसी न किसी के बेटे, भाई, पिता, चाचा या मामा हैँ. इस मानसिकता को बद्लने के लिये बहुत से आयाम बदलने की आवश्यकता है. और ऐसा भी नहीँ है कि सिर्फ मर्द ही गँदी मानसिकता रखते हैँ...यह दोनोँ लिँगोँ के लिये प्रभावी है ... हाँ प्रतिशत या अनुपात मेँ अंतर हो सकता है.... सार्थक रचना के लिये बधाई <br />Mohinder56https://www.blogger.com/profile/02273041828671240448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-63776997043960653452015-04-25T22:22:38.816-07:002015-04-25T22:22:38.816-07:00चित्र के माध्यम से बहुत ही सही और करारा जबाब . सुन...चित्र के माध्यम से बहुत ही सही और करारा जबाब . सुन्दर रचना के लिए बधाई...Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-65068641221440024982015-02-24T06:17:01.132-08:002015-02-24T06:17:01.132-08:00पहले तो मैं आपकी बेहतरीन रचना के लिए बधाई देता हूँ...पहले तो मैं आपकी बेहतरीन रचना के लिए बधाई देता हूँ ....रचना के साथ आपका नोट पढ़ा और भी बहुत सारे लोगों द्वारा की गयी टिप्पणिया, मुझे देर से समझ आया कि आखिर यहाँ पर प्रसंग के सन्दर्भ में टिप्पणिया क्यों नहीं की गयी. आवाज उठाने वाले के विचारों को किस प्रकार दबा दिया जाता है यह सबसे अच्छा उदाहरण है...मेरी टिप्पणी को अंन्यथा कोई भी मत ले...पर मैं यही कहूँगा सबके कलम की अपनी एक पहचान है जिसे किसी को पढ़कर केवल उसकी अपनी भाषा में समझा जा सकता है और कुछ कहा जा सकता है परन्तु लिखने वाले ने क्या-क्या उसमें लिख रखा है यह हर कोई नहीं समझ सकता......जैसे गीता को हर कोई नहीं समझ सकता.....आपने समसामयिक मुद्दा उठाया...अतः इतने सवाल उठे ....आगे भी कलमबद्ध कर हमारे बीच प्रस्तुत करते रहिये .........मुझे पढवाने के लिए आपका आभार!!प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/03415206900211251761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-46594656331516258062015-01-22T23:30:18.675-08:002015-01-22T23:30:18.675-08:00एक बात और .......अच्छा लिखने के लिये आवश्यक है अच्...एक बात और .......अच्छा लिखने के लिये आवश्यक है अच्छा पढ़ना । जयशंकर प्रसाद, मन्नू भण्डारी, शिवानी, आशापूर्णादेवी, शरत चन्द्र आदि को पढ़ना अद्भुत् आनन्द का स्रोत है । अन्यथा मत लेना, बच्चों को हम ही नहीं बतायेंगे तो और कौन बतायेगा ! बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-32012477488579440732015-01-22T23:23:04.818-08:002015-01-22T23:23:04.818-08:00परी श्लोक जी ! आज आपकी कुछ रचनायें पढ़ीं । निश्चित...परी श्लोक जी ! आज आपकी कुछ रचनायें पढ़ीं । निश्चित ही नयी पीढ़ी के पास बहुत कुछ है कहने के लिये .....कहा भी जाना चाहिये किंतु सम्प्रेषणीयता के तत्वों का यदि ध्यान रखा जाय तो सोने में सुहागा हो जाता है । हम नयी पीढ़ी से अपेक्षा रखते हैं कि वे भाषा की शुद्धता अर्थात् व्याकरण ( एवं उर्दू के हर्फ़ों में नुक्ता ) का ध्यान रखेंगे इससे भाषा प्रभावी होती है और उच्च शिक्षितों में लोकप्रिय भी । आशा है आप इस टिप्पणी को सकारात्मकरूप में लेंगी । कल्याणमस्तु । बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-60953860621243265982014-12-18T23:41:58.581-08:002014-12-18T23:41:58.581-08:00bahut hi sateek jawab hai, ye tasveer vahan bhi aw...bahut hi sateek jawab hai, ye tasveer vahan bhi awashya daliyega jahan se pehli prapt hui. <br /><br />man ke bhaavon ko bade hi saral tareeke se prastut kiya hai.<br /><br /><br />shubhkamnayenprritiy----snehhttps://www.blogger.com/profile/15786805769915315081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-2871892999980752142014-12-07T18:17:41.238-08:002014-12-07T18:17:41.238-08:00Ignore such mentally sick people .Ignore such mentally sick people .jitendrahttps://www.blogger.com/profile/14722591132510599677noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-34002430666078018752014-10-07T23:41:52.750-07:002014-10-07T23:41:52.750-07:00Aapko yahan dekhkr khushi hui aur Aapki tippani ka...Aapko yahan dekhkr khushi hui aur Aapki tippani ka swagat karti hun ... Aapki kisi baat se peeda nhi pahunchi ..main aapko batana chaahungi ki yahan maine badi saral shabdo me apni baat rakhne ki koshish ki hai bhale hi ise kavita ke tour par kahi kintu uss waqt yah meri manodasha thi mera gussa tha jo iss panne par utara hai...iss par koi kavita likhane ka irada nhi tha bas jo man me aayaa likhati chali gayi mujhe badi hi sahaj bhasha me yah sandesh sabko dena tha...so shabdo ke chayan pr dhyaan nhi diyaa... Aur na h soche samjhe shabdo ka prayog kiyaa..bas likhati chali gayi... !! <br />Yah topic koi jaan bujh kar khoj kar nhi maine...... Aap aate rahiye sanwaad banaaye rakhiye. ,,,,,, aabhaar aapkaa !!!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-86032995951488301812014-10-07T22:43:50.531-07:002014-10-07T22:43:50.531-07:00बेहद खूबसूरत अंदाज़ में आपने अपनी लेखनी से इस कविता...बेहद खूबसूरत अंदाज़ में आपने अपनी लेखनी से इस कविता को जन्म दिया है | मेरी जानिब से ढेरों दाद वसूल पाइयेगा परी जी |<br />लेकिन एक बात मैं यहाँ कहना कहूंगा ...किसी भी संवेदनशील टापिक पर कविता को अंजाम देना कोई आसान काम नहीं है.....कृति की गरिमा उसकी शुरुआत उसका पेट और उसके अंत पर निर्भर होती है | और सबसे बड़ी बात बात उसका मर्म उसके सब्जेक्ट पर निर्भर करता है | आपने जिस सब्जेक्ट का चयन किया वो बहुत ही संवेदनशील है | संवेदनशील इसलिए ऐसी कविताओं को जो इस तरह की फोटो कृति हो उस पर लिखी कोई भी रचना तकरीबन सभी को आकर्षित करती है....चाहे वो किसी भी मकसद से हो | हर व्यक्ति को उसके जवाब में अगर कुछ लिखा गया हो, तो माशाअल्लाह सोने में सुहागा ही समझा जाता है | इस लिए हम जैसे कलमकारों को ऐसे टापिक पर लिखते हुए बहुत ध्यान की आवश्यकता होती है | सबसे बड़ा जो चेलेंज होता है वो शब्द चयन का , जिसे ध्यान में रखना होता है उसी पर हमारी कविता की गरिमा टिकी होती है..खासकर अगर लिखिका फीमेल हो तो पाठकों की संख्या का आप अंदाज़ा लगा सकते हैं | लेकिन आजकल इसमें भी कोई फरक नहीं माना जाता की लेखक कौन है | ज़माना बहुत तेज़ी से बदल रहा है | <br />आपकी लेक्नी ने बहुत कुछ ब्यान किया और बहुत ही बेहतरीन मुजायरा किया लेकिन एक जगह नज़रें कुछ देर रुकी रहीं कुछ कमी सी महसूस हुई जिस वज़ह से मेरी कलम चलने को मजबूर हुई...<br /><br />"और जिन्दा स्त्री के वस्त्र उतारते हो<br />मान जो उसका<br />सबके कीमती श्रृंगार है<br />उसको ही छीन लेते हो<br />हमें ही अपनी वासना का<br />भोग बना लेता हो...<br />मुझे तुमसे घृणा है<br />अथाह घृणा........................................."<br /><br />शब्द चयन आपका यहाँ मुझे कमज़ोर लगा ..इन्हीं भावों को कुछ दुसरे कवि शब्दों में कहें तो जियादा बेहतर प्रतीत होगा...." जैसे वस्त्र-हरण इतियादी ....<br /><br />परी जी साधारणतय मैं किसी भी कृति पर इस तरह लिखने का आदि नहीं हूँ....लेकिन एक अलग धारणा पर शब्दों के चयन पर एक लेखक की हेसियत से मेरी कलम को चलने पर मजबूर कर दिया |<br /><br />मेरे शब्दों से अगर आपके ज़हन को ज़रा भी पीड़ा पहुंची हो तो तह-ए-दिल से क्षम प्रास्र्थी हूँ |<br /><br />शुक्रिया <br /><br /><br />हर्ष महाजन <br />Harash Mahajanhttps://www.blogger.com/profile/17431155483774376440noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-77957217056068880752014-10-02T05:09:25.837-07:002014-10-02T05:09:25.837-07:00जिसपर कोई संस्कार हो वह हर शक्स औरत कि इज्जत करताह...जिसपर कोई संस्कार हो वह हर शक्स औरत कि इज्जत करताही है. लीकीन इज्जत न किया जाये ऐसी भी कई महिलाये हमारे आसपास होती है. Vijay Shendgehttps://www.blogger.com/profile/11458583070185488864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-57043183565251788292014-09-29T23:13:47.779-07:002014-09-29T23:13:47.779-07:00 मानसिकता बहुत मायने रखती है परी जी ! लेकिन आपने ऊ... मानसिकता बहुत मायने रखती है परी जी ! लेकिन आपने ऊपर एक जगह लिखा है कि ज्यादातर लोग बुरे हैं , मैं ऐसा नहीं मानता ! वास्तव में ज्यादातर लोग अच्छे हैं लेकिन बुरे लोगों की तरह वो खुद को प्रचारित नही कर पाते और न उनको उनके अच्छे कामों का प्रतिफल मिल पाटा है ! आप किसी एक व्यक्ति को आंककर पूरे वर्ग को कटघरे में नही ल सकते ! हाँ , आपकी बात से सहमत हूँ कि दुनियां में ऐसे लोगों की जो औरत को सिर्फ भोग्या समझते हैं ! Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-87194444339638850412014-09-28T06:06:41.077-07:002014-09-28T06:06:41.077-07:00सोचता हूँ कि ऐसी सोच रखने वालों के घर की औरतों भी ...सोचता हूँ कि ऐसी सोच रखने वालों के घर की औरतों भी गन्दी निगाहों से कैसे बचती होंगी?Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-64853734139672905802014-09-28T03:32:53.360-07:002014-09-28T03:32:53.360-07:00घाटियाँ लोगों के मुह पर जोरदार तमाचा घाटियाँ लोगों के मुह पर जोरदार तमाचा Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-43524363682095695552014-09-28T02:48:51.985-07:002014-09-28T02:48:51.985-07:00sab buri mansikta ka natiza hai,soch badlni hogi a...sab buri mansikta ka natiza hai,soch badlni hogi agr bura khyal ata h to jakr apni mata-bheno ko kyu nhi chdte soch badlne k liye thoda kadwa bolna hoga ..<br />or bhut khub kha apne Manish Pundirhttps://www.blogger.com/profile/01438324098008599365noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-63614637178925439522014-09-27T09:41:55.860-07:002014-09-27T09:41:55.860-07:00मानसिक रोगियों की कोई कमी नहीं, लेकिन दुर्भाग्यवश ...मानसिक रोगियों की कोई कमी नहीं, लेकिन दुर्भाग्यवश सभ्य समाज को इन्हें भुगतना पड़ता है दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-4684878880758035382014-09-27T05:10:40.062-07:002014-09-27T05:10:40.062-07:00आपसे मेरी सहमतिआपसे मेरी सहमतिNeeraj Neerhttps://www.blogger.com/profile/00038388358370500681noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-14088368529903641872014-09-27T02:51:00.788-07:002014-09-27T02:51:00.788-07:00आदरणीया परी जी सादर नमन! सही जवाब एक घटिया मानसिक...आदरणीया परी जी सादर नमन! सही जवाब एक घटिया मानसिकता वाले को! Sanjay Kumar Garghttps://www.blogger.com/profile/08988808407565402708noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-27552290989826233842014-09-27T02:48:46.787-07:002014-09-27T02:48:46.787-07:00आपने बिलकुल सही लिखा है परी जी ।
स्त्री के वास्त...आपने बिलकुल सही लिखा है परी जी । <br /> स्त्री के वास्तविक देवी स्वरूप को आपके द्वारा एडिट किया गया चित्र बखूबी दर्शाता है। <br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-52827278567884317052014-09-27T01:33:26.646-07:002014-09-27T01:33:26.646-07:00Bahut sahi jawab diya hai Aapne...
Mujhe lagta hai...Bahut sahi jawab diya hai Aapne...<br />Mujhe lagta hai har aurat ko isi tarah ka karara tamacha maarna chahiye unlogon ke munh par jo log auraton ke liye gandi soch rakhta hai ya auraton ki jism ko gandi nazar se dekhta haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04368376061321782523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-79857259671215232232014-09-27T00:46:14.753-07:002014-09-27T00:46:14.753-07:00बिल्कुल सही किया आपने एैसी मानसिकता रखने वालों को ...बिल्कुल सही किया आपने एैसी मानसिकता रखने वालों को आईना दिखाना जरूरी है।<br />शोशल मीडिया पर कोई स्त्री नज़र आनी चाहिए। ये नहीं समझते कि उनकी मां,बहन , बीवी भी एक स्त्री ही हैं।<br />गाहे बगाहे महिलाओं कि फोटोज पर भद्दी टिप्पणियां देते रहते हैं।<br />बहुत सही लिखा <br />I proud of you.Malhotra vimmihttps://www.blogger.com/profile/09396958735846040776noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-88399382330963697982014-09-26T23:02:23.479-07:002014-09-26T23:02:23.479-07:00चित्र को संशोधित कर सही करारा जवाब उन सभी बिमार मा...चित्र को संशोधित कर सही करारा जवाब उन सभी बिमार मानसिकताओं को..।।RRKShttps://www.blogger.com/profile/04299885696427760412noreply@blogger.com