tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post2481399678286049872..comments2023-10-22T06:04:19.615-07:00Comments on एहसास की लहरों पर ....: और मेरे ख्वाब झुलस जातें है .....Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/01229721606335613058noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-6235341704447662192014-11-20T09:49:49.685-08:002014-11-20T09:49:49.685-08:00भावपूर्ण रचना...बेहद उम्दा !!भावपूर्ण रचना...बेहद उम्दा !!Manish Purohithttps://www.blogger.com/profile/10772106929601575213noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-20349292206793628412014-11-15T18:46:54.651-08:002014-11-15T18:46:54.651-08:00 हम उस किनारे से मिलने की आरज़ू में
उम्र की धार में... हम उस किनारे से मिलने की आरज़ू में<br />उम्र की धार में ख़ामोशी से बहे जाते हैं<br />कभी धुंधला सा अक्स पकड़ते हैं<br />कभी खुद से ही छूट जाते हैं<br />कोई पर्वत कभी बनते हैं तो..<br />कभी रेत सा बिखर जाते हैं <br /><br />बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ! हर शब्द मन को छू जाता है ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-18647100156299934772014-11-14T02:46:08.992-08:002014-11-14T02:46:08.992-08:00bahut khub , behatareen!
bahut khub , behatareen!<br />NKChttps://www.blogger.com/profile/10151125699002182567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-63089310764118588122014-11-12T00:25:15.438-08:002014-11-12T00:25:15.438-08:00हम साहिल पर बने
घर की तरह ......
हर दफा ढहते हैं
ह...हम साहिल पर बने<br />घर की तरह ......<br />हर दफा ढहते हैं<br />हर दफा बन जातें है! सुन्दर अभिव्यक्ति! आदरणीया परी जी, साभार!Sanjay Kumar Garghttps://www.blogger.com/profile/08988808407565402708noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-70228754893564994782014-11-11T22:37:09.568-08:002014-11-11T22:37:09.568-08:00 हम उस किनारे से मिलने की आरज़ू में
उम्र की धार में... हम उस किनारे से मिलने की आरज़ू में<br />उम्र की धार में ख़ामोशी से बहे जाते हैं<br />कभी धुंधला सा अक्स पकड़ते हैं<br />कभी खुद से ही छूट जाते हैं<br />कोई पर्वत कभी बनते हैं तो..<br />कभी रेत सा बिखर जाते हैं <br />बहुत ही गहरे शब्द लिखे हैं परी जी आपने Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-20356872345797054072014-11-11T08:16:01.863-08:002014-11-11T08:16:01.863-08:00सुन्दर - सराहनीय एवं सार्थक रचना !!!सुन्दर - सराहनीय एवं सार्थक रचना !!!विशाल चर्चित (Vishal Charchit)https://www.blogger.com/profile/11649442567545680984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-5030027802362460232014-11-11T07:04:01.040-08:002014-11-11T07:04:01.040-08:00bahut sundarbahut sundarpalashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-16114107354066435002014-11-10T03:23:58.459-08:002014-11-10T03:23:58.459-08:00सुन्दर रचना
साहिल पे थके हुए एक जोगी की बासुरी
तक...सुन्दर रचना <br />साहिल पे थके हुए एक जोगी की बासुरी<br />तकलीन कर रही है किनारा है ज़िन्दगी<br />तूफ़ान में सफ़ीना-ए-हस्ती को छोड़ कर <br />मल्लाह गा रहा है दरिया है ज़िन्दगी<br /><br />तकलीन- नसीहत <br />सफ़ीना-ए-हस्ती -जीवन की नैया<br />(सायद फैज़ या अदम )<br />अज़ीज़ जौनपुरीhttps://www.blogger.com/profile/16132551098493345036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-77477214486192862762014-11-10T01:40:07.453-08:002014-11-10T01:40:07.453-08:00जिन्दगी भी तो वहम है पर बहुत खुबसूरत है गर जीना आ ...जिन्दगी भी तो वहम है पर बहुत खुबसूरत है गर जीना आ जाये।<br />बहुत सुन्दर रचना ।Anil Dayama EklAhttps://www.blogger.com/profile/10255602858769771105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-10485294984916687422014-11-10T01:31:50.288-08:002014-11-10T01:31:50.288-08:00वहम में कब तक जिया जा सकता है, एक दिन तो हक़ीकत के ...वहम में कब तक जिया जा सकता है, एक दिन तो हक़ीकत के सामने उसे हारना ही होगा...बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-42295028947355001122014-11-10T00:37:32.551-08:002014-11-10T00:37:32.551-08:00वहम में जीना, सपनों में जीने जैसा होता है ... जो ट...वहम में जीना, सपनों में जीने जैसा होता है ... जो टूट जाता है जल्दी साहिल के घर की तरह ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1651952751969438994.post-1673510014601258202014-11-10T00:31:23.660-08:002014-11-10T00:31:23.660-08:00लेखन में भाव सी सरल अभिव्यक्ति। दिल छु के निकलती ह...लेखन में भाव सी सरल अभिव्यक्ति। दिल छु के निकलती है ।शिव राज शर्माhttps://www.blogger.com/profile/12026910010597441611noreply@blogger.com