Wednesday, March 25, 2015

मेरा शायर


हाँ ! माना की तुम्हारा चेहरा
उस शायर से मिलता है
जिसने मुझे
मोहब्बत में उम्र-क़ैद दी है
मगर तुम्हारी आँखों में
वफ़ा के वो रंग नहीं
होंटो पे हज़ारों नाम है एक मेरे सिवा
उंगलियों में मुझे छूने की तड़प नहीं
बाहों में मुझे भरने की ख्वाइश भी नहीं
ज़ेहन में कई ख़्याल है हम नहीं
शब न तो तनहा है तुम्हारा
न है तुम्हारी दुनिया वीरानी है मुझ बिन


मैं तुम्हें नहीं जानती
तुम बहुत अज़नबी से हो


देखो !
मैंने बेहद मुश्किल उठाई है
उसके दर तक आने को
हिज्र कैसे गुज़ारा है ये बात न पूछो


बताओ ना ! मुझे
मेरे शायर को तुमने कहाँ छिपा रखा है?

सर्वाधिकार सुरक्षित : परी ऍम. 'श्लोक'

18 comments:

  1. सूरत और सीरत भी मिलनी चाहिए ... वैसे प्रेम वालों की नज़रेंढूंढ ही लेगीं ...

    ReplyDelete
  2. आप की तलाश जल्द पूरी हो दुआ है ।
    सुन्दर रचना बधाई

    ReplyDelete
  3. देखो !
    मैंने बेहद मुश्किल उठाई है
    उसके दर तक आने को
    हिज्र कैसे गुज़ारा है ये बात न पूछो

    बताओ ना ! मुझे
    मेरे शायर को तुमने कहाँ छिपा रखा है?

    कहते हैं सच्ची मुहब्बत के लिए दिल में एहसास का होना जरुरी है ! बेहतरीन शब्द परवीन जी

    ReplyDelete
  4. अहसास के बेहतरीन मोती

    ReplyDelete
  5. बेहतरीन नज़्म....
    दिल का आईना देखिये वही कही वो शायर बैठा होगा.

    ReplyDelete
  6. वाह, बहुत खूबसूरत..।। सवाल में ही जवाब छिपा है..।।

    ReplyDelete
  7. भावपूर्ण रचना की प्रस्तुति के लिये बधाई ! सादर

    ReplyDelete
  8. अंतर का दर्द बखूबी बयाँ करती बेहतरीन प्रस्तुति !

    ReplyDelete
  9. वो जब दिल से दूर हो या पास .. शायरी तो देख बन जाती है..
    बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  10. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  11. आपकी इस उत्कृष्ट रचना का उल्लेख कल सोमवार (30-03-2015) की चर्चा "चित्तचोर बने, चित्रचोर नहीं" (चर्चा - 1933) पर भी होगा.
    सूचनार्थ

    ReplyDelete
  12. वाह, बहुत खूबसूरत..।।

    ReplyDelete
  13. जबां तो मिलती है हमजबां नही मिलता!!
    बेहतरीन नज्म पर बधाई!!

    ReplyDelete
  14. बहुत खभसुरत ख़याल

    ReplyDelete

मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!