Thursday, October 30, 2014

सब कुछ शांत है .... (मेरे भांजा व भांजी की याद में )

((मेरे प्यारे भांजा व भांजीअपने दादा-दादी के पास वापिस चले गए..... मुझे याद आ रही थी तो मैंने कविता लिख दी और कोई बात नहीं ...))



कहीं नहीं है
शोर.....
सब कुछ शांत है
न किलकारियाँ है
न ही वो नटखट
शरारत तुम्हारी
आज सारी किताब
सलीके से लगी है
अलमारी में
कोई गिलास नहीं टूटा
कोई शीशा नहीं पटका गया
चादर यूँ के यूँ
बिछी है सवेरे से
कमरे में हर सामान
कायदे से लगा है
मगर
अव्यवस्था मची है मुझमें
मुझे यूँ रास्ते में छोड़
तुम कई किलोमीटर
पार कर चुके होगे..
अपने मंज़िल के करीब
पहुँच रहे होगे...
तुम रोज़ रात
चिल्लाकर जगाते थे
और मैं सोने का
जुगाड़ लगाती थी
पर आज रात
बड़ी मुश्किल हो जायेगी
लेकिन देखना
कल तुम्हे भी मेरी याद आएगी
मेरी ही तरह
तुम कुछ नहीं कह पाओगे
जानते हो क्यों?
तुम्हे बोलना नहीं आता ढंग से
और मैं चाहकर कर भी
कुछ बोल नहीं पाउंगी !!

________________________
© परी ऍम. 'श्लोक'

((मेरे प्यारे  भांजा व भांजीअपने दादा-दादी के पास वापिस चले गए मुझे याद आ रही थी तो मैंने कविता लिख दी और कोई बात नहीं  ))

7 comments:

  1. सब कुछ शांत है? They are away from you or else?

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  2. Nahi ye log nana-naani ke ghar Aaye the perso wapas dada-dadi ke pass chale gaye hain... Unki yaad aa rahi thi to perso raaat me likh diya kuch bhaaw... Bas aur koi baat nhi :) :)

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  3. याद का बहुत सुंदर वर्णन

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  4. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - शनिवार- 01/11/2014 को
    हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 43
    पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,

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  5. समस्त रचनाएं खूबसूरत व ह्रदयस्पर्शी , परी जी धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
    आपकी इस रचना का लिंक दिनांकः 3 . 11 . 2014 दिन सोमवार को I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर दिया गया है , कृपया पधारें धन्यवाद !

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  6. याद में बहुत सुन्दर कविता बन गयी ..

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  7. मासूम शरारतें सच में बहुत याद आती हैं ! सुन्दर शब्द

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