तुम्हे पढ़ा तो
ख्याल आया कि.....
________________________
ख्याल आया कि.....
सफर
कितना
आसां हो जाता
इक
हमसफ़र
तुमसा......
अगर
होता तो
अच्छा
था
कोई
होता
जो
लिखता नज़्म..
कविता..अशआर..
मेरी
याद में
कोई
प्यार भरे
गीतों
से
मुझे
भिगोता तो
अच्छा
था
कोई
रात
मेरे
लिए जागता
और
मेरे ही सपने
सजोता
तो
अच्छा
था
मेरी
खामी में
खूबियों
की चमक
तलाश
लेता
कोई
कोयले से
कोहनूर
बना देता
तो
अच्छा था
मुझे
जुबां की
तकल्लुफ
न देता
कोई
नज़रो कि बात
नज़रो
से ही
समझ
लेता तो
अच्छा
था
किसी
की
महफ़िल
हमी
से होती
कोई
मेरे बिना
तनहा....
अगर
होता तो
अच्छा
था
मेरी
दुनियाँ में भी
तुम
जैसा कोई
होता
तो
अच्छा
था !!
________________________
© परी ऍम. 'श्लोक'
(इमरोज़ जी को पढ़ने के बाद ..मुझे ये ख्याल आया...!! )
मेरी दुनियाँ में भी
ReplyDeleteतुम जैसा कोई
होता तो
अच्छा था ....sach me hota to achha tha ....
अगर हमसफ़र हमदिल भी हो तो जीने का अंदाज़ अलग सा होगा ...सुंदर रचना बधाई
ReplyDeleteसुंदर । आंसा कर ले अंसा को ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर.
ReplyDeleteआसान को आसां भी लिखा जा सकता है.
सब को वो मिले जो मनकामना हो ।
ReplyDeleteक्यों दुनियां में फिर से सामना हो ।
खुद ख्वाहिश भूल किसी का साथ दे ।
किसी की तों पूरी कोई भावना हो
सुन्दर शब्द व भाव...बधाई...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (01-11-2014) को "!! शत्-शत् नमन !!" (चर्चा मंच-1784) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच के सभी पाठकों को
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत अछा प्रस्तुतीकरण ! भावप्रधान !
ReplyDeleteआ हा............ सब कुछ तो कह दिया.... वो भी कितने खूबसूरत अंदाज में....!!!! (Y) :)
ReplyDelete
ReplyDeleteजो मिला है काश वही अच्छा होता
nyc poetry .
ReplyDeleteबहुत बढ़िया परी जी
ReplyDeleteसादर
वाह ! बहुत ही सुन्दर !
ReplyDeleteSUNDAR KOMAL AHSASO KI LADI :)
ReplyDeleteBehtareen
ReplyDeleteप्रेम हो तो सब कुछ अच्छा हो जाता है जीवन में ...
ReplyDeleteकिसी की
ReplyDeleteमहफ़िल
हमी से होती
कोई मेरे बिना
तनहा....
अगर होता तो
अच्छा था
उम्दा ख्यालात