Friday, October 17, 2014

"जिंदगी.....बेहद आसां हैं तू"

जिंदगी मुझे
तलब है सीखने कि
तुझसे सीखना है बहुत कुछ
बता न 
क्या मुझे सिखाएगी तू ?

 
सुना है मैंने अक्सर
लोग ये कहते हैं
'मौत से मुश्किल है जिंदगी सफर तेरा
हम भी तो देखें ज़रा......... असर तेरा'
आ.....
बवंडर ले कर आ
मैं चट्टान हूँ मुझे हिला....  


मुझे मालूम है
ये सिर्फ अफवाह है
मुझे बनना इसका गवाह है
आ सितम कर में सहूँगी
तू रो भी दे पर में हसूँगी
तू बिछा कांटे मैं चुन लूँगी
तजुर्बा स्वेटर सा बुन लूँगी

और
फिर इक - दिन
जाते-जाते तेरे इस गुरुकुल से
सीना ठोंक बस इतना कहूँगी  

मैं जा रही हूँ
जीतकर ये बाज़ी तुझसे 
'कि जिंदगी देख तेरा खौफ कितना झूठा था
मैंने पी कर देखा ये शरबत बेहद मीठा था'

कितनी आसानी से
जिया है तुझे मैंने 
तूने जो भी दिया
नतमस्तक हो लिया है मैंने

मत गुमां कर कि
बेहद मुश्किल रास्ता है तू
मैं हरगिज़ कहूँगी
जिंदगी.....
बेहद
आसां हैं तू आसां है तू !!!

_____________________
© परी ऍम 'श्लोक'

7 comments:

  1. बहुत उम्दा..।।

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    1. इसे कहते हैं हौसला ! जिगर ठोक के हर चुनौती को जो स्वीकार कर ले उसीका जीवन असल मायनों में सफल है ! प्रेरणा देती सशक्त प्रस्तुति !

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  2. सुंदर भाव ... काश हम सब भी यह ऐलान कर सकें

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  3. Pari ji bhot acha likhti hai aap
    Kya main apki kavita mere whatsaap group main share kar sakti hu

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  4. Sunita ji shukriya iss housala afzaayi ka... Aapne pucha ise share krne se pahle mujhe accha lga.. Bilkul aap share kar sakti hain kintu kripya aapse anurodh hai mere naam ke saath ...:)

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  5. कितनी आसानी से
    जिया है तुझे मैंने
    तूने जो भी दिया
    नतमस्तक हो लिया है मैंने
    बहुत खूबसूरत

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