Thursday, October 23, 2014

देश जश्न में डूबा हुआ ........



दिवाली की रात धुएँ का गुबार देख ..पनपे विचार !!

13 comments:

  1. lajawaab, "satsaiya ke dohare jyon Naavik ke teer, dekhan me chote lage ghaav kare gambheer"

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  2. बहुत बढ़िया परी जी

    सादर

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  3. एक दम सही बात है और कहने का अंदाज़ लाजवाब ....

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  4. आपकी ये रचना चर्चामंच http://charchamanch.blogspot.in/ पर चर्चा हेतू 25 अक्टूबर को प्रस्तुत की जाएगी। आप भी आइए।
    स्वयं शून्य

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  5. सुन्दर और सटीक पारी जी

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  6. सुंदर, सटीक और सार्थक...मंगलकामनाएँ....

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  7. बहुत ही सुन्दर और सटीक प्रस्तुति, आभार।

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (27-10-2014) को "देश जश्न में डूबा हुआ" (चर्चा मंच-1779) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  9. कुछ देर के इस जश्न में डूब भी लेने दीजिये परी जी , फिर तो जूझना ही है कहीं-न-कहीं !

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  10. dub jawa kuch pal ke lia,
    kuch khoj lo jalate hue dion me,
    roshani to jalati rahegi har ghadi,
    jit lo tum kuch dil apani rachnaon se

    pari ji aap eshi tarah likhati rahen

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  11. एकदम सटीक और सार्थक भी

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  12. कम शब्दों मे बड़ी बात...

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