सुनो
ना
ज्यादा नहीं....
ज्यादा नहीं....
इतना
तो एहसान किया करो
कभी
इन तंग गलियो से निकल
मेरी
गुलिस्तां का रुख किया करो
कुछ
गुल महक रहे हैं अब तलक तुम्हारे नाम से
मगर
जो सूखने लगे हैं उन्हें
छूकर जगा दिया करो
कभी
मेरे लव्ज़ों के आईने से झाँक
मेरे
हालातो का जायज़ा ले जाया करो
जो
लिखे हैं नज़्म याद में तेरी
दो
टूक उसे पढ़ जाया करो
बेशक
की तारीफ में न तो न सही
मुझे
तुम बुरा ही कह जाया करो
मुझे
अच्छा लगेगा....
ये
जानकार
कि
मैं जो कहती हूँ
उसे
दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
दूर
कितना भी हो
मुझपे
आज भी मरते हो तुम
मेरी
तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
मेरी
यादो से तेरा जहान आबाद भी है
तेरी
उंगलियाँ ज़ज़्बातो को जब मेरे छुयेंगी
तेरी
आहें मेरे कानो में आकर जो कुछ कहेंगी
मैं
अगले ही पल उससे मिला एहसास लिखूँगी
इन
पन्नो पर फिर दिल की तमाम बात लिखूँगी
मुझे
अच्छा लगेगा
ये
सिलसिला आग़ाज़ से अंजाम का
ये
सफर दर्द से सकून का ....
तेरा
आना ..और फिर यूँ ही आते रहना ..
तेरा
आना और फिर एक दिन रुक जाना
तेरा
आना और फिर कभी न जाना
हाँ
...मुझे अच्छा लगेगा !!
___________________
© परी ऍम. 'श्लोक'
खुबसूरत एहसास..।।
ReplyDeleteमुझे अच्छा लगेगा....
ReplyDeleteये जानकार
कि मैं जो कहती हूँ
उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
दूर कितना भी हो
मुझपे आज भी मरते हो तुम -----
प्रेम के यही अहसास जीवन को सुखद बनाते हैं --
मन को छूती रचना
वाह
बधाई ---
आदरणीया परी जी! सुन्दर अभिव्यक्ति! किसी शायर ने कहा है-
ReplyDeleteमोहब्बत इंतजार-दाईमी* का नाम है, ऐ दिल, *लम्बा इन्तजार
कोई आया तो क्या होगा नहीं आया तो क्या होगा!
धरती की गोद
तेरी उँगलियाँ जज्बातो को जब मेरे छुयेगी।।।
ReplyDeleteबहुत से बढ़कर भी कुछ होता है क्या???
तो बस वहीं वाला एहसास ।।
एहसास को शब्दों के सांचे में ढाल कर ।
ReplyDeleteरख दिया उसने कलेजा निकाल कर ।
मुझको भी जैसे याद आ गया कोई ।
जो गया था मुझे जिन्दगी से निकाल कर ।
।
बेहद भावुक ,ह्र्दय से निकली रचना
पढ़ कर सकून मिला
बहुत सुंदर अहसास.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteशब्दों में झलकता प्रेम ... बहुत खूब ...
ReplyDeleteवाह..बहुत खूब..बधाई सादर..
ReplyDeleteमुझे अच्छा लगेगा....
ReplyDeleteये जानकार
कि मैं जो कहती हूँ
उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
दूर कितना भी हो
मुझपे आज भी मरते हो तुम
मेरी तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
मेरी यादो से तेरा जहान आबाद भी है
सुन्दर कविता परी जी
Beautiful..loved reading this Pari :)
ReplyDeleteतेरा आना और फिर कभी न जाना
ReplyDeleteहाँ ...मुझे अच्छा लगेगा !.....sachmuch ye ahsaas, behad pyaara hai ! :)
really touching
ReplyDeleteसुन्दर रचना !
ReplyDeleteमुझे अच्छा लगेगा....
ReplyDeleteये जानकार
कि मैं जो कहती हूँ
उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
दूर कितना भी हो
मुझपे आज भी मरते हो तुम
मेरी तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
मेरी यादो से तेरा जहान आबाद भी है
बहुत बढ़िया
कभी मेरे लव्ज़ों के आईने से झाँक...हाँ ...मुझे अच्छा लगेगा !! ....बहुत प्रभावी वर्णन इंतजार का...
ReplyDeleteबहुत खूब ... गहरी अनुभूति लिए शब्द ...
ReplyDeleteन आओगे तुम कोई बात नहीं ,
ReplyDeleteपर ज्यों आते हो आते ही रहना।
badhai aapko rachana ke liye.
waah bahut sundar andajebayan ....
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