Monday, October 13, 2014

मुझे अच्छा लगेगा ...


सुनो ना
ज्यादा नहीं....
इतना तो एहसान किया करो
कभी इन तंग गलियो से निकल
मेरी गुलिस्तां का रुख किया करो
कुछ गुल महक रहे हैं अब तलक तुम्हारे नाम से
मगर जो सूखने लगे हैं उन्हें छूकर जगा दिया करो
कभी मेरे लव्ज़ों के आईने से झाँक
मेरे हालातो का जायज़ा ले जाया करो
जो लिखे हैं नज़्म याद में तेरी
दो टूक उसे पढ़ जाया करो
बेशक की तारीफ में न तो न सही
मुझे तुम बुरा ही कह जाया करो
 
मुझे अच्छा लगेगा....
ये जानकार
कि मैं जो कहती हूँ
उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
दूर कितना भी हो
मुझपे आज भी मरते हो तुम
मेरी तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
मेरी यादो से तेरा जहान आबाद भी है
 
 हाँ ...मुझे अच्छा लगेगा
तेरी उंगलियाँ ज़ज़्बातो को जब मेरे छुयेंगी
तेरी आहें मेरे कानो में आकर जो कुछ कहेंगी
मैं अगले ही पल उससे मिला एहसास लिखूँगी
इन पन्नो पर फिर दिल की तमाम बात लिखूँगी
 
मुझे अच्छा लगेगा
ये सिलसिला आग़ाज़ से अंजाम का
ये सफर दर्द से सकून का ....
तेरा आना ..और फिर यूँ ही आते रहना ..
तेरा आना और फिर एक दिन रुक जाना
तेरा आना और फिर कभी न जाना
 
हाँ ...मुझे अच्छा लगेगा !!
 
___________________
 
© परी ऍम. 'श्लोक'


19 comments:

  1. खुबसूरत एहसास..।।

    ReplyDelete
  2. मुझे अच्छा लगेगा....
    ये जानकार
    कि मैं जो कहती हूँ
    उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
    दूर कितना भी हो
    मुझपे आज भी मरते हो तुम -----

    प्रेम के यही अहसास जीवन को सुखद बनाते हैं --
    मन को छूती रचना
    वाह
    बधाई ---

    ReplyDelete
  3. आदरणीया परी जी! सुन्दर अभिव्यक्ति! किसी शायर ने कहा है-
    मोहब्बत इंतजार-दाईमी* का नाम है, ऐ दिल, *लम्बा इन्तजार
    कोई आया तो क्या होगा नहीं आया तो क्या होगा!
    धरती की गोद

    ReplyDelete
  4. तेरी उँगलियाँ जज्बातो को जब मेरे छुयेगी।।।
    बहुत से बढ़कर भी कुछ होता है क्या???
    तो बस वहीं वाला एहसास ।।

    ReplyDelete
  5. एहसास को शब्दों के सांचे में ढाल कर ।
    रख दिया उसने कलेजा निकाल कर ।
    मुझको भी जैसे याद आ गया कोई ।
    जो गया था मुझे जिन्दगी से निकाल कर ।

    बेहद भावुक ,ह्र्दय से निकली रचना
    पढ़ कर सकून मिला

    ReplyDelete
  6. शब्दों में झलकता प्रेम ... बहुत खूब ...

    ReplyDelete
  7. वाह..बहुत खूब..बधाई सादर..

    ReplyDelete
  8. मुझे अच्छा लगेगा....
    ये जानकार
    कि मैं जो कहती हूँ
    उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
    दूर कितना भी हो
    मुझपे आज भी मरते हो तुम
    मेरी तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
    मेरी यादो से तेरा जहान आबाद भी है

    सुन्दर कविता परी जी

    ReplyDelete
  9. Beautiful..loved reading this Pari :)

    ReplyDelete
  10. तेरा आना और फिर कभी न जाना

    हाँ ...मुझे अच्छा लगेगा !.....sachmuch ye ahsaas, behad pyaara hai ! :)

    ReplyDelete
  11. मुझे अच्छा लगेगा....
    ये जानकार
    कि मैं जो कहती हूँ
    उसे दिल थाम कर पढ़ते हो तुम
    दूर कितना भी हो
    मुझपे आज भी मरते हो तुम
    मेरी तलाश तुम्हे मेरे जाने के बाद भी है
    मेरी यादो से तेरा जहान आबाद भी है

    बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  12. कभी मेरे लव्ज़ों के आईने से झाँक...हाँ ...मुझे अच्छा लगेगा !! ....बहुत प्रभावी वर्णन इंतजार का...

    ReplyDelete
  13. बहुत खूब ... गहरी अनुभूति लिए शब्द ...

    ReplyDelete
  14. न आओगे तुम कोई बात नहीं ,
    पर ज्यों आते हो आते ही रहना।
    badhai aapko rachana ke liye.

    ReplyDelete

मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!