Saturday, October 18, 2014

तुम मुझे याद भी करते होगे..कि नहीं


कितने दिन हुए हमें यूँ
अलग-थलग हुए
सोच रही हूँ
तुम्हारे ही बारे में  ....

कि पता नहीं......
तुम मुझे याद भी करते होगे
या फिर भूल गए होगे
किसी पुराने खत की तरह
बंद दराज़ में रख कर...


सोचती हूँ कि

अपने लब पर
मेरा नाम कभी लाते भी होगे
या कोई मेरा जिक्र भी करे तो तुम
बात का लहज़ा बदल देते होगे...


कितना अंदर से टूटे होगे
तुम्हारा मुझसे वाबस्ता न होने का
सबूत देते देते..

कहाँ तुम सच के आदि थे
और आज नजाने कितना
झूठ बोलते होगे अपने आपसे
नकारते होगे दिन में कई बार
रूह के इस रिश्ते को  ...

लेकिन क्या तुम जानते हो ?
मेरा सच.......
आज भी जैस का तैस है
फटा...पुराना...घिसा..पिटा
कुछ नया सा नहीं पनपा उसमें ..

सच कहूँ तो अगर न चलें
तुम्हारे यादो कि आँधियाँ
लहराए न मोहोब्बत कि जुल्फ उसमें
तो मैं भूल ही जाऊँ
कि मैं जिन्दा हूँ....... !!


___________________
© परी ऍम. 'श्लोक'

13 comments:

  1. अनन्य प्रेम की मन को छूती अद्भुत प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर रचना !

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  2. :) aapki aur milati sadev iss snehik va utsaahvardhak tipanni ke liye haardik aabhaar :)

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  3. आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी है और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा - रविवार- 19/10/2014 को
    हिंदी ब्लॉग समूह चर्चा-अंकः 36
    पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी पधारें,

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  4. बहुत ही सुन्दर रचना बधाई परी जी

    तो मैं भूल ही जाऊँ
    कि मैं जिन्दा हूँ..

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  5. भावपूर्ण रचना...

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  6. अगर न चले तुम्हारी यादों की आँधियाँ.....
    बहुत सुन्दर ।।

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  7. बहुत सुंदर एवं भावनात्मक.

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  8. प्रेम का गहरा एहसास लिए ...
    दीपावली की हार्दिक बधाई ...

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  9. bahut sunder rachana hai

    hamare manch se judein,
    sudhir singh sudhakar
    sudhirsinghmgwa@gmail.com
    sanyojak ,
    MANZIL GROUP SAHTIK MANCH,Delhi
    9953479583

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  10. सच कहूँ तो अगर न चलें
    तुम्हारे यादो कि आँधियाँ
    लहराए न मोहोब्बत कि जुल्फ उसमें
    तो मैं भूल ही जाऊँ
    कि मैं जिन्दा हूँ....... !!
    गज़ब की भावनाएं

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  11. kya kahu...? apratim rachana hai Pariji...! dil ko chho gayi..kahu ke dilme utar gayi kahu...! love u Pari ji..!!

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