Thursday, February 19, 2015

जिंदगी नोटबुक नहीं है ...


11 comments:

  1. बहुत खुबसूरत! तरन्नुम में सराबोर भावपूर्ण रचना,आपकी आवाज़ में सूनने की इच्छा जगा दी है,इस कृति ने!
    जलती है मुझमें आज भी अहसासों की बाती
    जलना यूँ ही है प्यार के चूल्हे में बन के पाती!

    अहा! क्या बात है!! उम्दा रचना!!

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  2. बहुत ही सुंदर और प्रेरक रचना ... भई वाह , क्या बात है ...
    मेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.

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  3. वाह परी जी! बहुत सुंदर!!

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  4. मन के जज्बात को शब्द दिए हैं ... बहुत सुन्दर ...

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  5. आज 25/फरवरी /2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,

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  7. जलती है मुझमें आज भी अहसासों की बाती
    जलना यूँ ही है प्यार के चूल्हे में बन के पाती!
    दिल के जज्बातों को हवा देते सार्थक शब्द लिखे हैं आपने परी जी !

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  8. तू लिख के रोज़ फाड़े ज़िन्दगी नोटबुक नहीं... क्या खूब कहा है. बेहद भावपूर्ण रचना, बधाई.

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