Monday, July 21, 2014

तुमसे प्यार करके .......

बड़ा करार पाया है दिल ने तुमसे प्यार करके ..
फिज़ाओ में बहार आया है तुमसे प्यार करके ..

फलक पे आ गयी हूँ आसमान पे छा गयी हूँ ..
चाँद-तारे आँचल में सिमट गए हैं तुमसे प्यार करके..

भीगी सी ख्वाइशें हो गयी हैं महकने लगे हैं ख्वाब...
रहमते बरस गयी हो जैसे तुमसे प्यार करके ..

अच्छा है या बुरा इससे कोसो दूर हूँ मैं ..
नई सी सोच खिल उठी है तुमसे प्यार करके...

तुझे देखकर हर गमो का चेहरा फीका पड़ जाता है
सकून का उम्मीद पा लिया है तुमसे प्यार करके

सूखे हुए सेहरा में जबसे दरिया बन के तुम आये
मैं फिर से जी गयी हूँ तुमसे प्यार करके

इक नयी खूबसूरत पहचान मिली गयी है मुझको 
तुममे खुद को पा लिया है मैंने तुमसे प्यार करके

घेर लेते हैं मुझे अँधेरी रात में तेरी याद के जुगनू
नींद रातो का उड़ा लिया है तुमसे प्यार करके

तेरे बिना एक पल भी हज़ार दिन से लगते हैं
इक रोग ये भी पा लिया है तुमसे प्यार करके

तेरी तारीफों के हर्फ़ से इस जनम की डायरी भर दी
नाम तेरा नगमो सा सज़ा लिया है तुमसे प्यार करके

----------------------परी ऍम 'श्लोक'

7 comments:

  1. बहुत ही खूबसूरत और नाज़ुक सी रचना ! अच्छा लिखा है !

    ReplyDelete
  2. प्रेम के रस से पगी सुन्दर भावपूर्ण ग़ज़ल ...

    ReplyDelete
  3. भावों से नाजुक शब्‍द को बहुत ही सहजता से रचना में रच दिया आपने.........

    ReplyDelete
  4. तुझे देखकर हर गमो का चेहरा फीका पड़ जाता है
    सकून का उम्मीद पा लिया है तुमसे प्यार करके

    सूखे हुए सेहरा में जबसे दरिया बन के तुम आये
    मैं फिर से जी गयी हूँ तुमसे प्यार करके

    इक नयी खूबसूरत पहचान मिली गयी है मुझको
    तुममे खुद को पा लिया है मैंने तुमसे प्यार करके

    घेर लेते हैं मुझे अँधेरी रात में तेरी याद के जुगनू
    नींद रातो का उड़ा लिया है तुमसे प्यार करके
    बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  5. बहुत भावपूर्ण ग़ज़ल !बहुत अच्छा लिखा है आपने !

    ReplyDelete

मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!