Sunday, June 22, 2014

संवर जाने दो.....!!


कोरे पन्नो पे लव्ज़ों को... बिखर जाने दो
मुझे तेरी पनाहों में.... संवर जाने दो

 
जिंदगी से ज्यादा है...आरज़ू मुझे तेरी
गर ये इश्क़ है तो...मुझे इस दर्द से भर जाने दो

 
करो वादा की उम्रभर साथ दोगे.....
फिर मुझे दीवानगी कि हर हद से..... गुज़र जाने दो
 

ग़ज़लकार : परी ऍम 'श्लोक'

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