बहुत खुबसूरत! तरन्नुम में सराबोर भावपूर्ण रचना,आपकी आवाज़ में सूनने की इच्छा जगा दी है,इस कृति ने! जलती है मुझमें आज भी अहसासों की बाती जलना यूँ ही है प्यार के चूल्हे में बन के पाती!
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बहुत खुबसूरत! तरन्नुम में सराबोर भावपूर्ण रचना,आपकी आवाज़ में सूनने की इच्छा जगा दी है,इस कृति ने!
ReplyDeleteजलती है मुझमें आज भी अहसासों की बाती
जलना यूँ ही है प्यार के चूल्हे में बन के पाती!
अहा! क्या बात है!! उम्दा रचना!!
wah bahut sundar rachna
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और प्रेरक रचना ... भई वाह , क्या बात है ...
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आप सभी लोगो का हार्दिक स्वागत है.
वाह परी जी! बहुत सुंदर!!
ReplyDeleteमन के जज्बात को शब्द दिए हैं ... बहुत सुन्दर ...
ReplyDeletevery nice..
ReplyDeleteआज 25/फरवरी /2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
बहुत सुंदर ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति ,,,
ReplyDeleteजलती है मुझमें आज भी अहसासों की बाती
ReplyDeleteजलना यूँ ही है प्यार के चूल्हे में बन के पाती!
दिल के जज्बातों को हवा देते सार्थक शब्द लिखे हैं आपने परी जी !
तू लिख के रोज़ फाड़े ज़िन्दगी नोटबुक नहीं... क्या खूब कहा है. बेहद भावपूर्ण रचना, बधाई.
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