Tuesday, August 12, 2014

"खूबसूरत अहसासों का समावेश है"

बोलती खामोशियाँ है
हवाओ की सरगोशियाँ हैं
टपकते अहसास हैं
उफनते जज्बात हैं
बजती सारंगी है
महकता लम्हा है
बहकता तसवुर है
यादो की जुगनू है
ओस की बूँद हैं
सीप है मोती हैं
बेकाबू लहरे हैं
बेपरवाह हौसले हैं
बेशुमार खुमार हैं
महफ़िल हैं वीरानियाँ हैं
बेताबियाँ है बेक़रारियां हैं
धूप है कभी छांव
बिखरते रंग हैं
कभी मिलन है
तो कभी जुदाई भी हैं
ऐसे ही
अनगिनत खूबसूरत
अहसासों का समावेश है
ज़र्रे-ज़र्रे में समाया है
केवल शब्द नहीं 'प्रेम'
एक गूढ भाव हैं
और इसे
पूर्णतया महसूस करने के लिए
अहसासों का पनपना
दोनों तरफ ज़रूरी है


 ______________परी ऍम श्लोक

2 comments:

  1. ahsas ho to roshan hai jahan,
    ahsas na ho to jism hai kahan,
    ahsas hamse jab bhi hota hai fana,
    ahsas se juda ho sab kuch ho jata hai dhuan

    sudhirsinghmgwa@gmail.com

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