Thursday, August 7, 2014

कल और आज

जायज़ था
वो हर मायने में
जो कल होकर गुजरा
अच्छा बुरा जैसा भी 

कल जो
हाल-ए-हालात थे
बहुत तर्ज़ुर्बा दे गए
जीवन की कला क्षेत्र का
कलाकार बना गए 
जीने की कला सिखा गए मुझे
बता गए समर्पण भाव
संतुष्ट बना दिया मुझे
बढ़ा गए सहनशक्ति
सौंप गए मुझे विवेक
कुछ खोने का भय
तक मार गया वो कल

कल मैं नादान थी
आज गंभीरता है मुझमे

अतीत एक ऐसा पाठ्यक्रम बना 
जिसके प्रश्नो का उत्तर
आज मैं पाती जा रही हूँ

जो कुछ भी हो रहा है
मैं जीतनी भी सक्षम
बना पायी हूँ खुदको

इस बात से नकार नहीं सकती
कि ये कल से मिली
सीख की ही बदौलत है !!


-------------------परी ऍम 'श्लोक'

6 comments:

  1. निसंदेह
    हम सब अपने बीते हुए कल से ही सीख लेते हैं। बहुत सुन्दर

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  2. बहुत खूब परी जी


    सादर

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  3. कल 10/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  4. अतीत एक ऐसा पाठ्यक्रम बना
    जिसके प्रश्नो का उत्तर
    आज मैं पाती जा रही हूँ
    बहुत बढ़िया

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