Saturday, September 13, 2014

जो बचा है उसे बचा रहने देते हैं ....


जो बचा है उसे बचा रहने देते हैं
कहीं न कहीं तो वफ़ा रहने देते हैं

मैं तुझे न भूलूँ ..तुझे मैं याद रहूँ
कोई तो ऐसी वजह रहने देते हैं

तू मुझे कोसे मैं तुझसे शिकवा करूँ
चलो छोड़ो लबो पे दुआ रहने देते हैं

तू न मुझे देखे न मैं तुझे नज़र आऊँ
दर-ए-दीवारो का पर्दा रहने देते हैं

देख बुझा न दे वक़्त ये एहसास कहीं
प्यार कि शमा सीने में जली रहने देते हैं

अपने मिलने का ही तो सारा बवाल है
दरमियां तावील सा फासला रहने देते हैं 


____परी ऍम 'श्लोक'

7 comments:

  1. जो बचा है उसे बचा रहने देते हैं ....is ek pankti ne sab kuchh kah diya :)

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  2. तू न मुझे देखे न मैं तुझे नज़र आऊँ
    दर-ए-दीवारो का पर्दा रहने देते हैं

    देख बुझा न दे वक़्त ये एहसास कहीं
    प्यार कि शमा सीने में जला रहने देते हैं
    बहुत उम्दा अशआर

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  3. अपने मिलने का ही तो सारा बवाल है
    दरमियां तावील सा फासला रहने देते हैं.... सुंदर ग़ज़ल आदरणिया परी जी!
    धरती की गोद

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  4. बहुत सुन्‍दर। (जला रहने देते हैं) में (जली) कर दें।

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  5. This is heart touching . speechless ..

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