Wednesday, April 2, 2014

"स्वप्न"


मेरी सिलाई टूटी हुई मिली 
जिसपर मैं कब से
स्वप्न का स्वेटर बुन रही थी
तुमको क्या इतनी ईर्ष्या थी ?
जो आकर तोड़ दी मेरी सिलाई
मुझको सोता देख !!

रचनाकार : परी ऍम श्लोक

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