अजनबी
राहों में चल दिए हैं
उम्मीदों
का चराग़ लिए दिल में
जो
खोया उसके निशान मिटाते हुए
बस
एक सोच है की आगे होना क्या है ?
ये
पहला कदम है पहला पहर है
अभी
साया साथ है मेरे
अभी
तो जोश भी है नयी सुबह की...
चलना
है दूर तक... अभी कई मोड़ बाकी है
अभी
तो रूबरू होना है कई अनजानी हलचलों से
अभी
पर्दा उठाना है आहिस्ता-आहिस्ता कल से
अजनबी
देकर इशारा कहता है
यकीन
मानो...
बहुत कुछ जान जाओगे...
बस
इस सफर में साथ चलकर तो देखो
एक बार मुझे जीकर तो देखो !!
©
परी ऍम. 'श्लोक'
आप को नए साल की बधाइयाँ
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर.....नया साल मुबारक हो !!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर चित्र....व शब्द ....नये वर्ष की शुभकामनायें..
ReplyDelete
ReplyDeleteनव ऊर्जा
नव त्राण
नव स्फुर्ति
नव निर्माण!
करते जाना है अपने ही अंदाज़ में
आने वाले हर लम्हों का मान !
सुखद , ऊर्जा दायक। शुभकामनायें !!!
बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट : संस्कृत बनाम जर्मन और विलायती पारखी
सार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (02-01-2015) को "ईस्वीय सन् 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा-1846) पर भी होगी।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सार्थक प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शुक्रवार (02-01-2015) को "ईस्वीय सन् 2015 की हार्दिक शुभकामनाएँ" (चर्चा-1846) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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नव वर्ष-2015 आपके जीवन में
ढेर सारी खुशियों के लेकर आये
इसी कामना के साथ...
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
Bhaut sundar pratham rachna 2015 ki. Aagaaz bahut achha hua hai
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपको भी नए साल 2015 की बहुत बहुत हार्दिक मंगलकामनाएं!
नव वर्ष 2015 आप सब को सपरिवार शुभ एवं मंगलमय हो।
ReplyDeleteसादर
kabhi kabhi bina manzil ke chalne me bhi khoob maza aata hai...very nicely written poem ..happy new year pari ji...
ReplyDeletebahut badhiya pari ji...nav varsh ki shubhkamnayen aapko..
ReplyDeleteहर कदम एक नयी आशा और नये मंज़र की परतें खोलता सा ! बहुत सुन्दर प्रस्तुति परी जी ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteचलना है दूर तक... अभी कई मोड़ बाकी है
ReplyDeleteअभी तो रूबरू होना है कई अनजानी हलचलों से
अभी पर्दा उठाना है आहिस्ता-आहिस्ता कल से
बहुत बढ़िया शब्द परवीन जी ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
khoobsurat rachana
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