तुम जा रहे हो तो जाओ
छोड़कर ये दर्द सारा
मेरी तन्हाइयो के पहरेदारी में
मैं नहीं रोकूंगी तुम्हे
मगर
ये मेरी आखिरी इल्तेजा है तुमसे
फिर न लौटना कभी
मरे हुए मेरे ख्वाबो को
छूकर जगाने के लिए
फिर से मेरी रूह को
किसी एहसाह से भिगाने के लिए
हाँ !
मैं अपने दिल के टुकड़ो को
समझा दूंगी
कि तुम तसव्वुर थे मेरे...
ख्याल थे मेरे......
हकीकत कि ज़मीन से
उखड़े हुए हैं पाँव जिसके
जिसके साये में बेवजह
महफूज़ समझ लिया खुद को मैंने
और ...........
इस झूठ को दोहराती रहूंगी
जबतक धुंधला के गायब न हो जाए
तुझे पाने...खोने का एहसास
और
तेरे कहीं होने का यकीन तक !!!
________परी ऍम "श्लोक"
छोड़कर ये दर्द सारा
मेरी तन्हाइयो के पहरेदारी में
मैं नहीं रोकूंगी तुम्हे
मगर
ये मेरी आखिरी इल्तेजा है तुमसे
फिर न लौटना कभी
मरे हुए मेरे ख्वाबो को
छूकर जगाने के लिए
फिर से मेरी रूह को
किसी एहसाह से भिगाने के लिए
हाँ !
मैं अपने दिल के टुकड़ो को
समझा दूंगी
कि तुम तसव्वुर थे मेरे...
ख्याल थे मेरे......
हकीकत कि ज़मीन से
उखड़े हुए हैं पाँव जिसके
जिसके साये में बेवजह
महफूज़ समझ लिया खुद को मैंने
और ...........
इस झूठ को दोहराती रहूंगी
जबतक धुंधला के गायब न हो जाए
तुझे पाने...खोने का एहसास
और
तेरे कहीं होने का यकीन तक !!!
________परी ऍम "श्लोक"
Bahut khoob ... dil se nikle gahre ehsaas ...
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति व लेखन , जी धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
बहुत ही सुन्दर !
ReplyDeleteमर्मस्पर्शी प्रस्तुति !
ReplyDeleteसादर
इस झूठ को दोहराती रहूंगी
ReplyDeleteजबतक धुंधला के गायब न हो जाए
तुझे पाने...खोने का एहसास
और
तेरे कहीं होने का यकीन तक !!!
मन को छूते शब्द !