कोई मज़हब कोई धर्म बड़ा नहीं होता
इंसान की खाल में इंसान जहाँ नहीं होता
इंसान की खाल में इंसान जहाँ नहीं होता
कितना भी बढ़ा लिया जाए कद अपना 'श्लोक'
याद रखना बच्चा कभी भी माँ से बड़ा नहीं होता
याद रखना बच्चा कभी भी माँ से बड़ा नहीं होता
अपनी मुल्क से गद्दारी करने वाला दोस्तों
सच्चा हिन्दू और पाक मुसलमान नहीं होता
सच्चा हिन्दू और पाक मुसलमान नहीं होता
अपनी माँ का सौदा जो करते हैं पैसे पर
दलाल होता है नहीं वो... बेटा नहीं होता
दलाल होता है नहीं वो... बेटा नहीं होता
जो भीड़ में घुसकर चुपके से वार करते हैं
कायर होता है वो मर्द का बच्चा नहीं होता
कायर होता है वो मर्द का बच्चा नहीं होता
कहते हैं कुछ..... करते हैं कुछ.... वो मुल्क और है
जुबां पर कायम रहे हर मुल्क 'हिन्दुस्तान' नहीं होता
जुबां पर कायम रहे हर मुल्क 'हिन्दुस्तान' नहीं होता
_______© परी ऍम. 'श्लोक'
बहुत खूब - बहुत खूब - बहुत खूब !!!!
ReplyDeletesahi baat
ReplyDeleteसुंदर ।
ReplyDeleteकितना भी बढ़ा लिया जाए कद अपना 'श्लोक'
ReplyDeleteयाद रखना बच्चा कभी भी माँ से बड़ा नहीं होता
बहुत सुंदर रचना.
बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteअपनी माँ का सौदा जो करते हैं पैसे पर
ReplyDeleteदलाल होता है नहीं वो... बेटा नहीं होता
जो भीड़ में घुसकर चुपके से वार करते हैं
कायर होता है वो मर्द का बच्चा नहीं होता
बहुत बढ़िया