Tuesday, November 25, 2014

ऐतबार जब किसी के बीच में मर जातें हैं...


संभल जातें है जो ठोकर से गिर जातें है
उठे कैसे वो जो नज़र से गिर जातें हैं ?


फिर जनम नहीं लेते रिश्तो के दरमियान
ऐतबार जब किसी के बीच में मर जातें हैं

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परी ऍम 'श्लोक'

8 comments:

  1. एतबार ख़त्म होना और नज़रों से गिरना ... दोनों ही खराब स्थितियां हैं ...

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  2. वाकई में दोनों स्थितियां भयावह है

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  3. इसीलिये एतबार को कभी मरने नहीं देना चाहिए ! अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति !

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  4. Couldn't agree more...very well written..

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