मेरी सिलाई टूटी हुई मिली
जिसपर मैं कब से
स्वप्न का स्वेटर बुन रही थी
तुमको क्या इतनी ईर्ष्या थी ?
जो आकर तोड़ दी मेरी सिलाई
जिसपर मैं कब से
स्वप्न का स्वेटर बुन रही थी
तुमको क्या इतनी ईर्ष्या थी ?
जो आकर तोड़ दी मेरी सिलाई
मुझको सोता देख !!
रचनाकार : परी ऍम श्लोक
रचनाकार : परी ऍम श्लोक
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