Saturday, April 5, 2014

"जब रात चली" ( गीत )

लेके चिराग हाथो में
जब रात चली
तब तेरे बारे में मेरी
उससे बात चली.....

उसने मुझे बताया
तू अभी रुबरु है चाँद से
मैं झट से दौड़ के
अपने छत पे जा चढ़ी...

नज़र के सामने आया
कुछ इक सितारा था
घटाओ ने घेरा लिया
पहले ही बादल सारा था

फिर चुप सी बैठ गयी
मैं भी गुस्साई सी
ये सोच कि क्या तुझको भी मेरी
यूँ ही मेरी याद आयी थी

उस पल करीब से जब हवा गुजारी
उसने कहाँ बता क्या हुआ पगली
मैंने दिया उनको फिर संदेसा सारा
कह देना उनको करे न मेरे इंतज़ार कि बेकद्री

लेके चिराग हाथो में जब रात चली
तब तेरे बारे में मेरी उससे बात चली !!


गीत / रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'

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