ये चिराग रोशनी नहीं देते
उम्मीद हम भी बुझने नहीं देते
तुम बीन ले जाओ बेशक तमाम ख़ुशी
मगर हम अपनी जिंदगी नहीं देते
अभी बाकी है कई नेक काम मेरे लिए
हम अपनी सोच की सादगी नहीं देते
हवाओ को कहो जिद्द न करे मुझसे
हम अपने वज़ूद की खुशबु नहीं देते
रात में तमाम रात तिलमिलाहट रही
कहा हमने जब उसे नींद-ए-सकूं नहीं देते
हमने तो शबनम पिया हर लम्हा
हम किसी को ये शराब नहीं देते
चलना है तो मेरे साथ चलो
वरना हम अपनी याद नहीं देते
तुम लिख के कोई इतिहास बना दोगे
जाओ हम अपने हालात नहीं देते
तुम पलट के आओ या न आओ
हम तुम्हे अब आवाज़ नहीं देते
ग़ज़लकार : परी ऍम 'श्लोक'
उम्मीद हम भी बुझने नहीं देते
तुम बीन ले जाओ बेशक तमाम ख़ुशी
मगर हम अपनी जिंदगी नहीं देते
अभी बाकी है कई नेक काम मेरे लिए
हम अपनी सोच की सादगी नहीं देते
हवाओ को कहो जिद्द न करे मुझसे
हम अपने वज़ूद की खुशबु नहीं देते
रात में तमाम रात तिलमिलाहट रही
कहा हमने जब उसे नींद-ए-सकूं नहीं देते
हमने तो शबनम पिया हर लम्हा
हम किसी को ये शराब नहीं देते
चलना है तो मेरे साथ चलो
वरना हम अपनी याद नहीं देते
तुम लिख के कोई इतिहास बना दोगे
जाओ हम अपने हालात नहीं देते
तुम पलट के आओ या न आओ
हम तुम्हे अब आवाज़ नहीं देते
ग़ज़लकार : परी ऍम 'श्लोक'
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