Friday, November 14, 2014

कभी-कभी मन करता है...!!

कभी-कभी मन करता है
मैं खूब सराहना करूँ
उनके कार्यो कि
जो निरंतर कार्य करते हैं
किन्तु प्रोत्साहन से
सदैव अछूते रह जातें है
उनके भीतर
जोश की मशाल जला दूँ
उन्हें इस तरह शब्द कि लौ दूँ
कि वो आमादा हो जाएँ
अर्श से फर्श तक
सब चकचौंध करने पर

कभी-कभी मन करता है
उनके सामने खड़े होकर
उन्हें सलामी पर सलामी देती रहूँ
जो अपने जीवन के तमाम
ऐश-ओ-आराम छोड़
चले आयें उन कठिन रास्तो पर
बिना ये सोचे कि कितने शूल
उनकी स्वागत में खड़े हैं
लेकिन वो अपने पैरो के छालो कि
गिनती नहीं करते
चलते रहते हैं मटठूस हो
अपने लक्ष्य कि प्राप्ति के लिए

 कभी-कभी मन करता है
अपने घर में
सिर्फ शहीदो कि पूजा करूँ
उनको फूल माला अर्पण करूँ
जिन्होंने अपना लहू बहा कर
हमें हमारा आज़ाद मुल्क लौटाया
इक बार जाऊं सरहद पर
जिनकी बदौलत
हम आज़ादी कि साँस ले पा रहे है 
वहाँ पर तैनात सिपाहियों के पैरो के
नीचे कि मिटटी ले आऊं
और मंदिर में रख लूँ
उनसे कहूँ कि वो 
हमारे आज़ादी के देवता हो.... 

कभी-कभी मन करता है
सुबह से शाम बस इक काम करूँ
हर नेक इंसान को प्रणाम करूँ
और स्वागत करूँ उनसे मिलने वाली
इस सीख का
कि ....
जो अपने लिए जिया वो क्या जिया ?
बात तो तब है
जब जिंदगी किसी और पर लुटाई जाए !!

____________________

© परी ऍम. 'श्लोक'

19 comments:

  1. बहुत खूबसूरत सोच..।।

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  2. एक दान सही फरमाया आपने परी जी ..बेहद खूबसूरती से उन सिपाहियों की सच्चाई ब्यान की है जो देश के लिए बिना किसी के स्वार्थ के जान लुटा देते हैं.......बहुत खूब.....|
    क्या आप फेसबुक पर नहीं ? मुझे लगता है वहाँ कृतियों तक पहूंचना जियादा आसान है...
    just join me...

    https://www.facebook.com/harash.mahajan?fref=nf

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  3. मनुष्यता में गहरी आस्था जगातीं पंक्तियां..
    कभी-कभी मन करता है, सुबह से शाम बस इक काम करूँ, हर नेक इंसान को प्रणाम करूँ
    इतनी अच्छी रचना के लिए हार्दिक बधाई

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  4. बेहद खूबसूरत सोच... हमारी शुभकामना है कि आपका मन ऐसा कभी - कभी नहीं बल्कि हमेशा करे... और आप अपने मन की सुनती रहें... !!!!

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  5. सुंदर अभिवक्ति. जिंदगी किसी और पर लुटाई उन सभी वीरों को नमन एवं सलाम.

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  6. कल 16/नवंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (16-11-2014) को "रुकिए प्लीज ! खबर आपकी ..." {चर्चा - 1799) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  8. उत्तम सोच उच्च विचार |बधाई ऐसे सोच के लिए |

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  9. सुन्दर, सार्थक सोच ! सही अर्थों में धन्यवाद के हकदार ऐसे ही महामानव हैं जो अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से हमारे जीवन को आसान और सुरक्षित बनाते हैं लेकिन स्वयं जगत की निगाहों से छिपे ही रह जाते हैं ! आपकी सुन्दर सोच को सलाम !

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  10. खूबसूरत सोच

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  11. सार्थक सोच। काश सबकी सोच ऐसी हो।

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  12. बहुत खूब ... कई बार जो मन करे उसे कर लेना चाहिए ... फिर ये तो नेकी का काम है ...

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  13. खूबसूरत ख़्याल , अनेकानेक धन्यवाद !

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  14. खूबसूरत ख्वाहिशें

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  15. yhi to h jise maanwata khte h...bhut sundar pari g

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