सियासत
का गरमाना
आरोप-प्रत्यारोप
लगाना
जनता
की समस्या बढ़ाना
संसद
में हंगामा
कोई
नयी बात नहीं...
लेकिन
ओ!धर्म
के रक्षको
किया
ही था
तो
कुछ अच्छा करते
और
फिर
चर्चा
का विषय बनते
क्यों
नहीं करवा दिया
बिना
बताये
बिना
चेताये
धोखा-धड़ी
से
लालच
देकर
उपहार
देकर
मानसिकता
का परिवर्तन
निसंदेह
पीठ थपथपाते हम
अकबर
के ज़माने का
तरीका
अपनाकर
धर्म-परिवर्तन
का
गुनाह-ए-अज़ीम
किया
आखिर
मिला क्या ?
नाहक
में
विरोधो
के गढ़ बन गए
काम
किया ऐंठा हुआ
किन्तु
क्या फायदा
पंडित
बोले
हिन्दू
बने नहीं
मौलवी
बोले
मुसलमान
रहे नहीं
हाय
रे! इंसान
तू
और तेरी सोच
करती
है हैरान
भाई
हिन्दू
हो या मुसलमान
मिलना
तो मिटटी में ही है
करना
ही है
कुछ
यादगार
तो
मानवता के रक्षक बनो
नेक
कर्म करो
और
सदा अमर रहो
बनना
ही है तो
न
हिन्दू बनो
न
मुसलमान बनो
त्यागो
सारे मजहबी पैंतरे
एक
सच्चे इंसान बनो...
लेकिन
वो
तो तुमसे होना नही है !!
_________________
©
परी ऍम. 'श्लोक'_________________
उत्कृष्ट रचना, बिल्कुल सही और पूरी तरह से सहमत..।।
ReplyDeleteI disagree with first half of your poem. Every body is allowed to follow whatever he think is right it may be religion or principals. UID card banwane ka, BPL card banwane ko lalach nahi aha ja sakta . These are basic amenties. Ye milna sarkaar ka dosh hai ji.
ReplyDeleteधर्म और सत्ता एक ख़तरनाक संयोग है ! धर्म मन और आत्मा की शांति के लिये होना चाहिए लेकिन अक्सर सत्ता के लिये लोग इसका दुरुपयोग करते हैं चाहे वोह धर्म के हों या राजनीती के नेता हों
ReplyDeleteबचने के लिये सिर्फ़ Education Education Education....
आप की रचना एकदम सटीक है ....
सही सन्देश दिया परी जी आप ने इन को
ReplyDeleteबेहद सटीक व सामयिक रचना...बधाई
ReplyDeleteबिलकुल सही फ़रमाया आपने परी जी लेकिन ये हालात सुधारने के प्रयास पहले भी निरर्थक रहें हैं और निकट भविष्य में भी मुझे कोई गुंजाईश नहीं लगती कि हम अपने बच्चों को रहने के लिये कोई अच्छा समाज दे पायेंगे । आपको इस रचना के लिये बधाई ।
ReplyDeleteसार्थक सन्देश देती उत्कृष्ट प्रस्तुति ! बहुत अच्छी बात कही आपने ! काश इसे सुनने वाले, सराहने वाले और अमल में लाने वाले भी मिल जाएँ !
ReplyDeleteवाह......बहुत सुन्दर - सीधी और सच्ची बात.... !!!!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसीधी और स्पष्ट बात...!!!
ReplyDeleteसच्चा इंसान बनना ही सबसे बड़ी बात है - हर धर्म का मूल संदेश यही है !
ReplyDeleteसार्थक सन्देश देती ,हालात सुधारने के प्रयास,.. धर्म मन और आत्मा की शांति के लिये धर्म होना चाहिएलेकिन अक्सर... संदेश है यही यही सीधी और स्पष्ट बात- धर्म एक सच्चे इंसान बनो......,हर धर्म मूल का संदेश है | मज़हब बदलना-बदलवाना मानसिकता का परिवर्तन होना चाहिए| सुधारने के प्रयास होना चाहिए|,हिन्दू बनो!
ReplyDeleteन मुसलमान बनो! एक सच्चे इंसान होना चाहिए|,
न हिन्दू बनो
ReplyDeleteन मुसलमान बनो
त्यागो सारे मजहबी पैंतरे
एक सच्चे इंसान बनो...
सच्चा इंसान बनना ही सबसे बड़ी बात है - हर धर्म का मूल संदेश यही है !
beautifully written, loved the last few lines much.
ReplyDeleteIt indeed sad and unfortunate to see all this..
माफ़ कीजियेगा परी जी , इस विषय पर मैं कुछ नही कहूँगा !
ReplyDelete