बहुत सही लिखा है आपने
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (13-12-2014) को "धर्म के रक्षको! मानवता के रक्षक बनो" (चर्चा-1826) पर भी होगी।--हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।सादर...!डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही कहा...
और करें भी क्या मंद मति के मारे !
बहुत सही.नई पोस्ट : गया से पृथुदक तक
सही कहा
Well Said. .
कल 14/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर धन्यवाद !
Sundar rachna
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.....
सटीक इन हालातों में!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.
kam shabdon mein badi baad, achhi prastutishubhkamnayen
इस ढीली व्यवस्था ने ही तो सारा बड़ा गर्क कर रखा है !
मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!
बहुत सही लिखा है आपने
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (13-12-2014) को "धर्म के रक्षको! मानवता के रक्षक बनो" (चर्चा-1826) पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (13-12-2014) को "धर्म के रक्षको! मानवता के रक्षक बनो" (चर्चा-1826) पर भी होगी।
ReplyDelete--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही कहा...
ReplyDeleteऔर करें भी क्या मंद मति के मारे !
ReplyDeleteबहुत सही.
ReplyDeleteनई पोस्ट : गया से पृथुदक तक
सही कहा
ReplyDeleteWell Said. .
ReplyDeleteकल 14/दिसंबर/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
Sundar rachna
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.....
ReplyDeleteसटीक इन हालातों में!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeletekam shabdon mein badi baad, achhi prastuti
ReplyDeleteshubhkamnayen
इस ढीली व्यवस्था ने ही तो सारा बड़ा गर्क कर रखा है !
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