आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (06-12-2014) को "पता है ६ दिसंबर..." (चर्चा-1819) पर भी होगी। -- सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। सादर...! डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन का स्वागत ... आपकी टिप्पणी मेरे लिए मार्गदर्शक व उत्साहवर्धक है आपसे अनुरोध है रचना पढ़ने के उपरान्त आप अपनी टिप्पणी दे किन्तु पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ..आभार !!
सुंदर, सशब्द चित्रण
ReplyDeleteNice..
ReplyDeleteवाह ! क्या बात है ! बहुत सुन्दर प्रस्तुति !
ReplyDeleteक्या बात ! :)
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (06-12-2014) को "पता है ६ दिसंबर..." (चर्चा-1819) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत खूब !!!!
ReplyDeleteऔर विकल्प भी तो कोई नहीं था ,
ReplyDeleteवाह, अच्छी अभिव्यक्ति
वाह !! क्या खूबसूरत शब्द लिखे हैं आपने
ReplyDeletekhoobsurt....sbdon ki aakrshak mitvyaytaa...
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