इस चित्र को
सही रूप देने से पहले
इसकी रचना के दौरान
कई बार गलत लकीरे
खींची है मैंने भी
और फिर उन
टेडी-मेडी लकीरो को
कई बार मिटाकर
मैंने सीधा भी किया
तो कहीं अब जाकर
सही आकृति बना पाने में
सफल हो पायी हूँ
क्या करती ?
अनपढ़ चित्रकार जो थी
इस कला कि विद्या तो
मैंने ली ही नहीं...
फिर भी खैर मानो...
क्यूंकि चित्रकार मैं थी
यदि कोई और होता
तो उसे मेरी तीखी आलोचना का
सामना करना पड़ता उसे
लेकिन अब
ऐतिहायत बरतनी है मुझे
क्यूंकि इसमें भरा हुआ रंग ही
इस आकृति को सुरूप बनाएगा
इसमें रंगो का चुनाव
यदि गलत हुआ तो
फिर से इसपे दूसरा रंग
नहीं चढ़ाया जा सकता
मुझे बहुत सूझ-बुझ से
इन सुन्दर रंगो को
वाजिब जगह देनी है
ताकि अपने जीवन कि आकृति मैं
आकर्षित और सुन्दर बना सकूँ!!!
रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
सही रूप देने से पहले
इसकी रचना के दौरान
कई बार गलत लकीरे
खींची है मैंने भी
और फिर उन
टेडी-मेडी लकीरो को
कई बार मिटाकर
मैंने सीधा भी किया
तो कहीं अब जाकर
सही आकृति बना पाने में
सफल हो पायी हूँ
क्या करती ?
अनपढ़ चित्रकार जो थी
इस कला कि विद्या तो
मैंने ली ही नहीं...
फिर भी खैर मानो...
क्यूंकि चित्रकार मैं थी
यदि कोई और होता
तो उसे मेरी तीखी आलोचना का
सामना करना पड़ता उसे
लेकिन अब
ऐतिहायत बरतनी है मुझे
क्यूंकि इसमें भरा हुआ रंग ही
इस आकृति को सुरूप बनाएगा
इसमें रंगो का चुनाव
यदि गलत हुआ तो
फिर से इसपे दूसरा रंग
नहीं चढ़ाया जा सकता
मुझे बहुत सूझ-बुझ से
इन सुन्दर रंगो को
वाजिब जगह देनी है
ताकि अपने जीवन कि आकृति मैं
आकर्षित और सुन्दर बना सकूँ!!!
रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
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