ऐसा नहीं मेरी जात को कोई महफ़िल नहीं मिला
बस किसी से सोच न मिली तो किसी से दिल नहीं मिला
आये गए जिंदगी कि राह में कई रहगुज़र लेकिन
किसी का साथ माँगते हम...कोई यूँ काबिल नहीं मिला
इस बाजार में चमकती चीज़ो के खरीदार कई मिले
मगर सादगी पे मरने वाला कोई जाहिल नहीं मिला
हम जिसके आगे झुक जाते बिना किसी तकल्लुफ
मगर बात ये हैं कि ऐसा कोई संगदिल नहीं मिला
बात निकलेगी तो दूर तक अफवाह सी फ़ैल जायेगी
'श्लोक' के चाहत कि लहर को कभी साहिल नहीं मिला
ग़ज़लकार : परी
ऍम 'श्लोक'
इस बाजार में चमकती चीज़ो के खरीदार कई मिले
ReplyDeleteमगर सादगी पे मरने वाला कोई जाहिल नहीं मिला khoob
Bahut bhut dhanywaaaad....
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