बड़ा करार पाया है दिल ने तुमसे प्यार करके ..
फिज़ाओ में बहार आया है तुमसे प्यार करके ..
फलक पे आ गयी हूँ आसमान पे छा गयी हूँ ..
चाँद-तारे आँचल में सिमट गए हैं तुमसे प्यार करके..
भीगी सी ख्वाइशें हो गयी हैं महकने लगे हैं ख्वाब...
रहमते बरस गयी हो जैसे तुमसे प्यार करके ..
अच्छा है या बुरा इससे कोसो दूर हूँ मैं ..
नई सी सोच खिल उठी है तुमसे प्यार करके...
तुझे देखकर हर गमो का चेहरा फीका पड़ जाता है
सकून का उम्मीद पा लिया है तुमसे प्यार करके
सूखे हुए सेहरा में जबसे दरिया बन के तुम आये
मैं फिर से जी गयी हूँ तुमसे प्यार करके
इक नयी खूबसूरत पहचान मिली गयी है मुझको
तुममे खुद को पा लिया है मैंने तुमसे प्यार करके
घेर लेते हैं मुझे अँधेरी रात में तेरी याद के जुगनू
नींद रातो का उड़ा लिया है तुमसे प्यार करके
तेरे बिना एक पल भी हज़ार दिन से लगते हैं
इक रोग ये भी पा लिया है तुमसे प्यार करके
तेरी तारीफों के हर्फ़ से इस जनम की डायरी भर दी
नाम तेरा नगमो सा सज़ा लिया है तुमसे प्यार करके
----------------------परी ऍम 'श्लोक'
फिज़ाओ में बहार आया है तुमसे प्यार करके ..
फलक पे आ गयी हूँ आसमान पे छा गयी हूँ ..
चाँद-तारे आँचल में सिमट गए हैं तुमसे प्यार करके..
भीगी सी ख्वाइशें हो गयी हैं महकने लगे हैं ख्वाब...
रहमते बरस गयी हो जैसे तुमसे प्यार करके ..
अच्छा है या बुरा इससे कोसो दूर हूँ मैं ..
नई सी सोच खिल उठी है तुमसे प्यार करके...
तुझे देखकर हर गमो का चेहरा फीका पड़ जाता है
सकून का उम्मीद पा लिया है तुमसे प्यार करके
सूखे हुए सेहरा में जबसे दरिया बन के तुम आये
मैं फिर से जी गयी हूँ तुमसे प्यार करके
इक नयी खूबसूरत पहचान मिली गयी है मुझको
तुममे खुद को पा लिया है मैंने तुमसे प्यार करके
घेर लेते हैं मुझे अँधेरी रात में तेरी याद के जुगनू
नींद रातो का उड़ा लिया है तुमसे प्यार करके
तेरे बिना एक पल भी हज़ार दिन से लगते हैं
इक रोग ये भी पा लिया है तुमसे प्यार करके
तेरी तारीफों के हर्फ़ से इस जनम की डायरी भर दी
नाम तेरा नगमो सा सज़ा लिया है तुमसे प्यार करके
----------------------परी ऍम 'श्लोक'
सुंदर ।
ReplyDeletegood...
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत और नाज़ुक सी रचना ! अच्छा लिखा है !
ReplyDeleteप्रेम के रस से पगी सुन्दर भावपूर्ण ग़ज़ल ...
ReplyDeleteभावों से नाजुक शब्द को बहुत ही सहजता से रचना में रच दिया आपने.........
ReplyDeleteतुझे देखकर हर गमो का चेहरा फीका पड़ जाता है
ReplyDeleteसकून का उम्मीद पा लिया है तुमसे प्यार करके
सूखे हुए सेहरा में जबसे दरिया बन के तुम आये
मैं फिर से जी गयी हूँ तुमसे प्यार करके
इक नयी खूबसूरत पहचान मिली गयी है मुझको
तुममे खुद को पा लिया है मैंने तुमसे प्यार करके
घेर लेते हैं मुझे अँधेरी रात में तेरी याद के जुगनू
नींद रातो का उड़ा लिया है तुमसे प्यार करके
बहुत बढ़िया
बहुत भावपूर्ण ग़ज़ल !बहुत अच्छा लिखा है आपने !
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