जान लो
ये हकीकत
अक्सर
बेपर्दा रहे तो अच्छा है
तुम्हारी जिंदगी के
चूल्हे में
मेरे वज़ूद का
ईंधन जलता है
और
उस पर सेंकती हूँ
मैं चाहतो की रोटी
आस का मक्खन लगा के
वक़्त को
चखाती रहती हूँ
ताकि वक़्त मेरी
चाहत की मांग करे
और
मेरी चाहत
तुम्हारे लिए
फिर कभी न ख़त्म न होने वाला
सिलसिला बन जाए !!
______________परी ऍम 'श्लोक'
ये हकीकत
अक्सर
बेपर्दा रहे तो अच्छा है
तुम्हारी जिंदगी के
चूल्हे में
मेरे वज़ूद का
ईंधन जलता है
और
उस पर सेंकती हूँ
मैं चाहतो की रोटी
आस का मक्खन लगा के
वक़्त को
चखाती रहती हूँ
ताकि वक़्त मेरी
चाहत की मांग करे
और
मेरी चाहत
तुम्हारे लिए
फिर कभी न ख़त्म न होने वाला
सिलसिला बन जाए !!
______________परी ऍम 'श्लोक'
वाह
ReplyDeleteतुम्हारी जिंदगी के
ReplyDeleteचूल्हे में
मेरे वज़ूद का
ईंधन जलता है
और
उस पर सेंकती हूँ
मैं चाहतो की रोटी
आस का मक्खन लगा के
वक़्त को
चखाती रहती हूँ
क्या बात है