तुम्हारे
साँसो की गर्मियां
खिला देती है
अरमानो के
घने महकते फूल
दिल की बंजर
ज़मीन को
तब्दील कर देती हैं
रंग भरे गुलशन में !
तुम्हारे
स्पर्श की नरमियाँ
सारी कठोरता
हर ले जाती है
घोल देती है
धमनियों में
प्रणय का मीठा रस
आसान बना देती है
मुश्किलातो का दौर !
तुम्हारा
मेरे हो जाने
कि दावेदारी
खुशियो की
झड़ी लगा देती है
आत्मा को संतुष्ट
स्वच्छ और निर्मल बना देती है
मुस्कुराहटों की फुहार से
तन-मन भिगो जाती है
और दे जाती है
खाली खाली सी
बेवजह चल रही
जिंदगी को
जीने के खूबसूरत नए मायने !
______________परी ऍम 'श्लोक'
साँसो की गर्मियां
खिला देती है
अरमानो के
घने महकते फूल
दिल की बंजर
ज़मीन को
तब्दील कर देती हैं
रंग भरे गुलशन में !
तुम्हारे
स्पर्श की नरमियाँ
सारी कठोरता
हर ले जाती है
घोल देती है
धमनियों में
प्रणय का मीठा रस
आसान बना देती है
मुश्किलातो का दौर !
तुम्हारा
मेरे हो जाने
कि दावेदारी
खुशियो की
झड़ी लगा देती है
आत्मा को संतुष्ट
स्वच्छ और निर्मल बना देती है
मुस्कुराहटों की फुहार से
तन-मन भिगो जाती है
और दे जाती है
खाली खाली सी
बेवजह चल रही
जिंदगी को
जीने के खूबसूरत नए मायने !
______________परी ऍम 'श्लोक'
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