वाह ! बहुत खूब !
लाजवाब
तारुफ़ - ता'अर्रूफ़ (महेंद्र कपूर साहब का "चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों" सुनिए, गीत के अंत में इस शब्द का उच्चारण हुआ है )श्याही - स्याही बाद वाली पंक्ति ऐसे भी हो सकती है "कभी अल्फ़ाज़ नाक़ाबिल, कभी स्याही फीकी"सधन्यवाद
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ReplyDeleteतारुफ़ - ता'अर्रूफ़ (महेंद्र कपूर साहब का "चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों" सुनिए, गीत के अंत में इस शब्द का उच्चारण हुआ है )
ReplyDeleteश्याही - स्याही
बाद वाली पंक्ति ऐसे भी हो सकती है
"कभी अल्फ़ाज़ नाक़ाबिल, कभी स्याही फीकी"
सधन्यवाद