जायज़ था
वो हर मायने में
जो कल होकर गुजरा
अच्छा बुरा जैसा भी
कल जो
हाल-ए-हालात थे
बहुत तर्ज़ुर्बा दे गए
जीवन की कला क्षेत्र का
कलाकार बना गए
जीने की कला सिखा गए मुझे
बता गए समर्पण भाव
संतुष्ट बना दिया मुझे
बढ़ा गए सहनशक्ति
सौंप गए मुझे विवेक
कुछ खोने का भय
तक मार गया वो कल
कल मैं नादान थी
आज गंभीरता है मुझमे
अतीत एक ऐसा पाठ्यक्रम बना
जिसके प्रश्नो का उत्तर
आज मैं पाती जा रही हूँ
जो कुछ भी हो रहा है
मैं जीतनी भी सक्षम
बना पायी हूँ खुदको
इस बात से नकार नहीं सकती
कि ये कल से मिली
सीख की ही बदौलत है !!
-------------------परी ऍम 'श्लोक'
वो हर मायने में
जो कल होकर गुजरा
अच्छा बुरा जैसा भी
कल जो
हाल-ए-हालात थे
बहुत तर्ज़ुर्बा दे गए
जीवन की कला क्षेत्र का
कलाकार बना गए
जीने की कला सिखा गए मुझे
बता गए समर्पण भाव
संतुष्ट बना दिया मुझे
बढ़ा गए सहनशक्ति
सौंप गए मुझे विवेक
कुछ खोने का भय
तक मार गया वो कल
कल मैं नादान थी
आज गंभीरता है मुझमे
अतीत एक ऐसा पाठ्यक्रम बना
जिसके प्रश्नो का उत्तर
आज मैं पाती जा रही हूँ
जो कुछ भी हो रहा है
मैं जीतनी भी सक्षम
बना पायी हूँ खुदको
इस बात से नकार नहीं सकती
कि ये कल से मिली
सीख की ही बदौलत है !!
-------------------परी ऍम 'श्लोक'
निसंदेह
ReplyDeleteहम सब अपने बीते हुए कल से ही सीख लेते हैं। बहुत सुन्दर
बहुत खूब परी जी
ReplyDeleteसादर
कल 10/अगस्त/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
सुंदर
ReplyDeletenice lines
ReplyDeleteअतीत एक ऐसा पाठ्यक्रम बना
ReplyDeleteजिसके प्रश्नो का उत्तर
आज मैं पाती जा रही हूँ
बहुत बढ़िया