बोलती खामोशियाँ है
हवाओ की सरगोशियाँ हैं
टपकते अहसास हैं
उफनते जज्बात हैं
बजती सारंगी है
महकता लम्हा है
बहकता तसवुर है
यादो की जुगनू है
ओस की बूँद हैं
सीप है मोती हैं
बेकाबू लहरे हैं
बेपरवाह हौसले हैं
बेशुमार खुमार हैं
महफ़िल हैं वीरानियाँ हैं
बेताबियाँ है बेक़रारियां हैं
धूप है कभी छांव
बिखरते रंग हैं
कभी मिलन है
तो कभी जुदाई भी हैं
ऐसे ही
अनगिनत खूबसूरत
अहसासों का समावेश है
ज़र्रे-ज़र्रे में समाया है
केवल शब्द नहीं 'प्रेम'
एक गूढ भाव हैं
और इसे
पूर्णतया महसूस करने के लिए
अहसासों का पनपना
दोनों तरफ ज़रूरी है
______________परी ऍम श्लोक
हवाओ की सरगोशियाँ हैं
टपकते अहसास हैं
उफनते जज्बात हैं
बजती सारंगी है
महकता लम्हा है
बहकता तसवुर है
यादो की जुगनू है
ओस की बूँद हैं
सीप है मोती हैं
बेकाबू लहरे हैं
बेपरवाह हौसले हैं
बेशुमार खुमार हैं
महफ़िल हैं वीरानियाँ हैं
बेताबियाँ है बेक़रारियां हैं
धूप है कभी छांव
बिखरते रंग हैं
कभी मिलन है
तो कभी जुदाई भी हैं
ऐसे ही
अनगिनत खूबसूरत
अहसासों का समावेश है
ज़र्रे-ज़र्रे में समाया है
केवल शब्द नहीं 'प्रेम'
एक गूढ भाव हैं
और इसे
पूर्णतया महसूस करने के लिए
अहसासों का पनपना
दोनों तरफ ज़रूरी है
______________परी ऍम श्लोक
अति उत्तम
ReplyDeleteahsas ho to roshan hai jahan,
ReplyDeleteahsas na ho to jism hai kahan,
ahsas hamse jab bhi hota hai fana,
ahsas se juda ho sab kuch ho jata hai dhuan
sudhirsinghmgwa@gmail.com