तुम्हारे जुल्म-ओ-सितम ने
तुम्हारी फरेबियत ने
तुम्हारे हीन..क्रूर कृत्य ने
तुम्हारी वहशी नीयत ने
तुम्हारे भंगी सोच ने
तुम्हारे अहम के चलचित्र ने
तुम्हारे पुरुषार्थ के अर्थ को
शून्य कर दिया है
ऐसे में
तुम जब बात-बात पर
बार-बार कहते हो
कि तुम पुरुष हो
मुझे लगता है
जैसे कोई
किसी मुर्दा इंसान के
जिन्दा होने का
दावा कर रहा है !!!
तुम्हारी फरेबियत ने
तुम्हारे हीन..क्रूर कृत्य ने
तुम्हारी वहशी नीयत ने
तुम्हारे भंगी सोच ने
तुम्हारे अहम के चलचित्र ने
तुम्हारे पुरुषार्थ के अर्थ को
शून्य कर दिया है
ऐसे में
तुम जब बात-बात पर
बार-बार कहते हो
कि तुम पुरुष हो
मुझे लगता है
जैसे कोई
किसी मुर्दा इंसान के
जिन्दा होने का
दावा कर रहा है !!!
___________परी ऍम 'श्लोक'
बढ़िया लेखन व रचना , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
वज़ूद की तलाश करता एक बेबस अहंकार
ReplyDeleteखोखला वजूद ही ऐसा करता है ...
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