Sunday, August 3, 2014

अस्तित्व

इस
चार दिन की
जिंदगी के

अनजाने अनचाहे
रास्तो में

कई बार
खोया है
खुद को मैंने

इतनी मज़बूती से
अपने अस्तित्व को

पाने के लिए !!


--------------परी ऍम श्लोक

6 comments:

  1. कुछ पाने के लिए खोना वो भी खुद को खुद के लिए ....

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  2. अस्तित्व की यह जद्दोजहद जिंदगी मे लगातार चलती रहती है।


    सादर

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  3. खुद को खोकर खुद को ही पा लेना एक तरह से पुनर्जन्म की तरह ही है ! इस उपलब्धि के लिए बधाई !

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