मेरे
शब्दकोष में
कम है
शब्द....
किन्तु
मन के
महासागर में
गहरे हैं
भाव....
और
फिर है ये
संदेह भी
कहीं
ये पन्ने
ईर्ष्या से
जल के
ख़ाक न हो जाएँ
तेरे लिए
मेरे दिल में
उफनते
बेहिसाब
ज़स्बातो की
भनक पड़ते ही !!
________________परी ऍम 'श्लोक'
शब्दकोष में
कम है
शब्द....
किन्तु
मन के
महासागर में
गहरे हैं
भाव....
और
फिर है ये
संदेह भी
कहीं
ये पन्ने
ईर्ष्या से
जल के
ख़ाक न हो जाएँ
तेरे लिए
मेरे दिल में
उफनते
बेहिसाब
ज़स्बातो की
भनक पड़ते ही !!
________________परी ऍम 'श्लोक'
गहरे भाव होने जरूरी हैं ...
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