तू हो या मैं हूँ हर किसी को इक तलाश है......
मछलियो से कभी पूछेंगे क्या उसे भी प्यास है?.....
बह रही है हवा....बहारो का आग़ाज़ है........
फिर भी क्यूँ दिन जला..रात क्यूँ उदास है?....
कोई भी तो नहीं पूरा इस जहाँ में जान लो......
मोर झूम रोया पाँव देख..चाँद पर भी दाग है......
गर तेरे दिल में मैं नहीं मेरे दिल में तू नहीं.....
मेरी तस्वीरो से भरी फिर क्यूँ तेरी किताब है ?......
ग़ज़लकार: परी ऍम 'श्लोक'
मछलियो से कभी पूछेंगे क्या उसे भी प्यास है?.....
बह रही है हवा....बहारो का आग़ाज़ है........
फिर भी क्यूँ दिन जला..रात क्यूँ उदास है?....
कोई भी तो नहीं पूरा इस जहाँ में जान लो......
मोर झूम रोया पाँव देख..चाँद पर भी दाग है......
गर तेरे दिल में मैं नहीं मेरे दिल में तू नहीं.....
मेरी तस्वीरो से भरी फिर क्यूँ तेरी किताब है ?......
ग़ज़लकार: परी ऍम 'श्लोक'
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