Tuesday, December 24, 2013

रोशनी को खोकर........

कई परतो तले दबोच दिया
रोशनी को मरोड़ सूरज ने
अपने अस्तित्व के गुरूर में
दरमियान
पृथ्वी,
चन्द्रमा,
कई पिंड
रोशनी ने बिना गुरेज
कुछ देर में
हुकुम कि तामील कर दी
फिर क्या ??
चिराग महफ़िल के साथ
उजाला करने असमान में पहुँचे
कुछ सूखी लकड़ियां
माचिस कि तीलियों के साथ
उस भीड़ में शामिल हो गयी
आग का गोला
सूरज के पास जा बैठा
पर अँधेरा तो यूँ का यूँ था...

नासमझी
और
उस ग्रहण के कुछ अंतराल में
एक टुकड़ा रह गया था सूरज

रोशनी को खोकर....



रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
Dated : 25/12/2013

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