Monday, December 2, 2013

life..............

जिंदगी कि और क्या औकात है यारो,,
कभी ख़ुशी कभी गम यही बात है यारो,
किसी को मिलती हैं दर-बदर कि ठोकरे,
किसी के लिए बुलंदियाँ जहान कि यारो,
कोई रोये तो आंसुओ को पोछने के खातिर नहीं कोई,
किसी कि खुशियो में शामिल पूरी जमात है यारो,
कोई ख़ाक हो गया नफरत कि आग में
किसी के घर में इश्क़ की बरसात है यारो,
दिल में किसी के उलझे हुए कैद राज कई हैं,
किसी का मन आईने सा साफ़ हैं यारो,
हर दिन सिखाती हैं नए-नए से तजुर्बे,
इस इम्तिहान में कोई फेल, कोई पास हैं यारो,,
चलता रहा कोई जहन के इशारो पे ता-उम्र,
किसी को ढेर बना गया बावला बड़ा जस्बात हैं यारो,
किसी के सर पे ताश-पोषियां मुकम्मल तो
कोई इनकी आरज़ू में बर्बाद हैं यारो,,
कोई भूल जाता हैं जिंदगी के चंद "श्लोक"
किसी को जिंदगी का हर पहलु याद हैं यारो,
कहने को मसले हैं कुछ रह गए, कुछ छूट गए..
मसलन इतना ही समझ अबतक जिंदगी का मेरे साथ हैं यारो,,

 जिंदगी कि और क्या औकात है यारो,,
कभी ख़ुशी कभी गम यही बात है यारो,

ग़ज़लकार : परी ऍम 'श्लोक'
Date : 25 oct 2008

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