इक खूबसूरत एहसास था
मगर अब वो जस्बात वो एहसास
बद से बदसूरत हो चला था बहुत
जो दो तरफ से उठा था
पलक झपकते किसी
कोने में जा गिरा ओंधे मुँह
स्नेह भावना क्रूरता कि
चरम सीमा पर पहुँच चुका था
प्रताड़ना मस्तिष्क में
सुराख कर चुकी थी
आत्मा पे तेज़ाब डाल कर
झुलसा दिया गया था
खौफनाक साये में ज़ी रहा था
अब वो अत्यंत सुंदर भाव 'प्यार'
जो दफ़न हो गया
आज-कल के ज्वालामुखी में
जिसके नाम से अब
बेहिसाब डर लगता है मुझे !!!
रचनाकार : परी ऍम श्लोक
मगर अब वो जस्बात वो एहसास
बद से बदसूरत हो चला था बहुत
जो दो तरफ से उठा था
पलक झपकते किसी
कोने में जा गिरा ओंधे मुँह
स्नेह भावना क्रूरता कि
चरम सीमा पर पहुँच चुका था
प्रताड़ना मस्तिष्क में
सुराख कर चुकी थी
आत्मा पे तेज़ाब डाल कर
झुलसा दिया गया था
खौफनाक साये में ज़ी रहा था
अब वो अत्यंत सुंदर भाव 'प्यार'
जो दफ़न हो गया
आज-कल के ज्वालामुखी में
जिसके नाम से अब
बेहिसाब डर लगता है मुझे !!!
रचनाकार : परी ऍम श्लोक
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