Thursday, January 2, 2014

तुम बहुत जिद्दी हो ना

तुम बहुत जिद्दी हो ना.........

बच्चो कि तरह हट करना

मुझे ना पा कर रोना,
पा कर मुझसे लिपट जाना

अपनी हसी में समेट ले जाना

मेरे संताप का सिसकता वाकया...

भिगो देना मुझे अपनी ख़ुशी में

रंग देना अपने चहरे के रंग के मुताबिक

पहेलियो के गुनगुने जवाब..

कहानियो का सुंदर अभिप्राय,

कविताओ के ठेठ शीर्षक..

अजब-गजब सी रस टपकाती बातें..

तुमसे जीत पाना ना तो मैं चाहती हूँ

ना ही सम्भव है

आखिर तुम बहुत जिद्दी हो ना......!!


रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
 

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