Wednesday, January 8, 2014

" मैं भारत की बेटी हूँ "


मैं भारत की बेटी हूँ ,,
उस भारत की
जिसके पास दीवारे तो हैं
पर छत नहीं.....
मेरे लिए आज़ादियाँ तो हैं
पर माहौल नहीं....

इसने कानून को पैदा किया पर  अन्धा ,,,
हाँ ! पर सुनता है लेकिन सबूत की भाषा ,,,
 
मेरे पिता भारत बहुत बेबस हैं
भारत माता  बहुत बेचैन
वो मुझे गोद में लिए रो रही है..
और बार -बार सिर्फ ये कहती है
की इस आवाम तुझे क्यूँ जन्मा मैंने !!

मेरे माता पिता देख रहे हैं 
अपने घर के हर  कमरे में 
हो रहे औरतो पे जुल्म को ,,

पर इनके हथियारों में जंग लग चुका है
और बाहर भ्रष्टाचार की 
जोरदार काली बूंदों की बारिश ,,,

मेरे पिता भारत बीमार हैं 
और फटे चुए चिथड़ो में बाहर जाते
की माँ ने उन्हें रोक लिया,,,

मेरे नासमझ माँ-बाप इंतज़ार कर रहे हैं 
ये बारिश थमने की ,,,
जो थामेगी  या नहीं  
सिर्फ एक सवाल है !!  

अगर हाँ तो कैसे ?
और अगर ना तो क्यूँ?
 
 
रचनाकार : परी ऍम 'श्लोक'
Year : 2013

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