अब सारी खुशियां ही ख्वाब बन गयी हैं
सिर्फ गम हकीकत से वाबस्ता रह गया
जिंदगी तवायफ सी भटकती रही दर-दर
दर्द कि बंदगी बस आखिरी रस्ता रह गया
मौत से आरज़ू कि वो मुँह लटका के आयी
काँटा बन के फूलो का गुलदस्ता रह गया
चुभन कि शिकायत किससे करूँ मिलकर
इंसानी बाज़ारो में जस्बात का बोहनी बट्टा रह गया
खींच कर जी भर सबने बनाया मज़ाक बस्ती में
फंदा बनके गले का लाल दुपट्टा रह गया
लूट कर के गया तश्तरी कि आखिरी रोटी भी
छीनने में माहिर तकदीर का कुत्ता रह गया
अब नहीं मेरे बस में कि हसरतो को इज्जत बक्शु
वज़ूद जला भुना मक्की का भुट्टा रह गया
इश्क़ अगर सुनता तो तस्वीर कुछ और बनती
एहसास कि गहराईयो का उलझ के गुत्था रह गया
तूने भी घायल किया चोट मारी पूरे आवाम ने
दूरियां कम करते-करते टूट कर खुद फुट्टा रह गया
(c) परी ऍम 'श्लोक'
Dated : 14/01/2014....
सिर्फ गम हकीकत से वाबस्ता रह गया
जिंदगी तवायफ सी भटकती रही दर-दर
दर्द कि बंदगी बस आखिरी रस्ता रह गया
मौत से आरज़ू कि वो मुँह लटका के आयी
काँटा बन के फूलो का गुलदस्ता रह गया
चुभन कि शिकायत किससे करूँ मिलकर
इंसानी बाज़ारो में जस्बात का बोहनी बट्टा रह गया
खींच कर जी भर सबने बनाया मज़ाक बस्ती में
फंदा बनके गले का लाल दुपट्टा रह गया
लूट कर के गया तश्तरी कि आखिरी रोटी भी
छीनने में माहिर तकदीर का कुत्ता रह गया
अब नहीं मेरे बस में कि हसरतो को इज्जत बक्शु
वज़ूद जला भुना मक्की का भुट्टा रह गया
इश्क़ अगर सुनता तो तस्वीर कुछ और बनती
एहसास कि गहराईयो का उलझ के गुत्था रह गया
तूने भी घायल किया चोट मारी पूरे आवाम ने
दूरियां कम करते-करते टूट कर खुद फुट्टा रह गया
(c) परी ऍम 'श्लोक'
Dated : 14/01/2014....
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